मुहूर्तगणपति | Muhurtaganapati
श्रेणी : ज्योतिष / Astrology, हिंदू - Hinduism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
497
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)६६) मुदृतेगणपते३-
बिषयाः पृष्तानि]. विषयाः पृष्ठानि
विदद्धयोगानां त्याज्यांशाः »«» ४६. उत्पातादियोगचतुष्कस्य झानम्. .,.. ६
अथ करणप्रकरणम् ६, डुयोंगानां त्याज्यथटिका५,,,. «रू
क्रणनामानि ... ...#.., .... » । वारनक्षत्रोद्भवः सिद्धियोंग: बज ईै७
करणानां स्वामिन:.. ,... २,. ४७ तिथिवारोत्या दुष्टयोगाः... रूह 7
पत्येकफरणरत्यम् (इलो० ६)... “? | तिथिनक्षत्रोसन्नस्त्वाज्ययोगः . «« ९4
भद्राया विशेष: ५... ४८ | नक्षजवारोत्याइटयोगालनादी यम्रघण्ट-
भद्रायाभद्ठ विभागस्तत्फल भ्व « ४९| चोग .«« रे हू पे
भद्राया दिददुमुसश्य...... ... ? [मल्युयोगः ... . «»» ”
अद्वापुच्छम् «५ ५० | दृश्धयोग! .««« ० ७०७
भद्रासहपम् ... *०... »«« ? | शुभ त्याज्यं त्रिविध गण्डान्तमू. «७ ?!
» भेंद्राया दोपापवाद, . ... «०» ५१ | नक्षतगण्डान्तमू ड्ड बन ९
भद्राविशेषे कस्यचिन्मते विशेष: ... ५२ | अ्रफारान्तरेण तिधिगण्डान्तम्ू...... ?
अथ चचन्द्रताराबछभकरणम् ७. | छुप्रगण्डान्तम् ,.. बर ब्क
चन्द्रराशिभोगप्रमाणम् ... .... ५३ | सद्धेयामा: ..« ७२
नक्षत्नाणां प्रत्येकराशेभोग: »««. ” | कुछिककण्टकफालवेछायमघण्टास्यास्तथा-
अवकहडादिचकामुसारेण नक्षत्रचरणानां ज्यमुरर्ता: ... रूक,., बड़ी 7
४ ०९० +न* हब ५ | दुए्क्षणण. ««« न डे
अरद्रस्य शुभाशुभफलम् ...... «५७ | एवेपामेव सुवोधाय पुन्रा रव्यादिषु त्या-
शुड्पक्ष विशेष: कब ब्ज+.. पे ज्यक्षणा, .«+ बन बह रण
आवश्यकरत्थे पश्चथन्द्रबडम् ” .... ” | अमघण्टकुलिकश्षणयोर्देशविशेषे त्या*
अपर टटवारग दत हे का गा पा
डुष्टवारासु दानम् न संब्रान्दी व्याज्यकालः ..... जज
चस्धाबस्या, ..... ...... ... ? [विविक्षयदद्धपः .... हा ०
तासों क्रमेणेदाइरणसू ,... ? | मासझत्यतिमिनक्षत्रलप्तामि हम
कार्येविशेषे प्रहवर्ल सर्वेचन्द्रवले च ... ६१९ मासझूयनक्षताणि.. ..« न ६
'चन्द्रबले फश्चन पिशेष' «»««» 7” | मासशुन्यराशयः ० ७७
आवश्यकडृत्ये दुष्टतिथिवारक्षचन्द्रवारा- ओजतिथिएु श॒त्यट्प्नानि नल. ड़
दीनों दानम् लि शत्पविध्यादीमां देशविश्ेषत्याज्यलम,.!
अधथ शुभाशुप्रा्रकरणम् ८. आवश्यके दुष्टपोगानामपरादा। -«
तिथिवारोत्मशुभाशुभयोगाः »«« ६३ | शुमाशुमकर्यय प्रिपुप्कर-यमल- ..«
मुश्नचिद्मतसिद्धियोगस्यावि त्याव्यचमू 8४ योगी. .... «#] «»« ४९
दोपसंपहरो रवियोग* ... «« ” | सुवोधाय रब्यादिवारेप. शुभाउश्च-
आनन्दादियोगा, है «« दहै५। अभयोगा३ .«« गली दे
User Reviews
rakesh jain
at 2020-11-22 12:11:15