असली दक्षिण का जादू | Asali Dakshin Ka Jaadu

Asali Dakshin Ka Jaadu by आर. के. शर्मा - R. K. Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( श४ ) अंग्रेजी में 'हिप्नोटिज्म” कहते हैं। दोनों में भेद यह. मेरेमेरेजम में केवल रपशें और बाणी से काम लिया जाता है. और उसी के द्वारा जादू का प्रभाव व्यक्ति पर किया जाता. है । : किन्तु हिप्नोटिज्म इससे मी उँचे दर्ज की विया है। इसमें न हो.. शब्द का आश्रय लिया जावा है और न स्पश का ही! इस विद्या में केवल आत्मा और नेत्र का सम्बन्ध होता है। साधक इन्हीं दो के द्वारा इसके प्रयोगों में सफलता श्राप्त करता है। ह्विप्नोटिज्स का अभ्यास भी उठने समय झौर उतने ही परिश्रम से हो जाता है; जितना कि सेस्मेरेजम के लिए जहरत पढ़ती है । (२) दाथ का जादू यह जादू किसी योग से सम्बन्ध नहीं रखता । यह तो केवन्ञ हाथ की सफाई से सम्बन्ध रखता है । शब्दों के जाल में लोगों को फँसा कर अथवा अन्य कोई चमत्कार पे दा करके किसी चीज को या वो उड़ा दिया जाता है या झपने पास बुला लिया जाहा है. । यह हल्के किस्म का जादू कहा जाता है; जिसे सड़कों के . किनारे खड़े हुए अनेकानेक जादूगर प्रतिदिन शहरों में दिखलाते हुए पाये जाते हैं। इस जादू को सीखने में केवल अभ्यास की ही. झावरयकता है; किसी विशेष प्रकार के संयम, अथवा साधना... की झावश्यकता नहीं पढ़ती । हाँ; चित्तबृत्ति का शान्त; स्थिर - _ एबूं एकाप्र होना हर जादूगर के लिए प्रम आवश्यक है। बिना. इसके कोई सी जादूगर श्रपने कायें में सफलता प्राप्त नहीं कर, सकता-आओर न ही कोई ठोस काम. कर सकता है। . .




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