गणित जगत की सैर | Gand-ita Jagat Ki Saur

Gand-ita Jagat Ki Saur by डॉ० ब्रह्मदेव शर्मा - Dr.Brahmdev sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अध्याय ७ अध्याय ८ अध्याय € परिमेय संख्या--कुछ और तथ्य क्या खरगोश कछए से आगे निकल सकता है 7-7३ विदुओं की घनी वस्ती--९५. भिन्न संख्याओं की लेखन- पद्धति--९४ भिन्न संख्याओं के अन्य रूप-- €€६ आवत्ते दशमलव--१०३। संख्या संकल्पना का विस्तार - २ विदुओं की सघन वस्ती में भी कुछ छिद्र--१११ कारीगर समकोण कैसे बनाता है? --११५ पाइथागोरस की उलझन--११४ अपरिमेय क्या है ?--११४ मृत्यु- दण्ड और संख्याओं का समापवत्तेक--११६ क्या संख्याएँ वहरी भी होती हैं ?--११४ परिमेय और अपरिमेय--- ११८ अपरिमेय सें भी उपभेद--११६ पुरानी समस्या नया रूप--११६४ एथेंस की महामारी और २ का घनफल--१२१ बीजीय संख्या--१२४५ आवत्त॑ दशमलव का अभिसारी रूप--१२६ अपरिमेय संख्या की अभिसारी श्रेणियाँ--१२७ ईश्वर ज्यामितिज्न है अथवा अंक- गणितज्ञ ? १२९ एक लोलूप वणिक--१३३ क्या सरल रेखा के छिद्र भर गए ?--१३६ क्या कुछ संख्याएँ वास्तविक तथा कुछ काल्पनिक हैं ? --१३४७ काल्पनिक संख्या समुदाय--१२३८ कुछ असंभव प्रश्न--१३८ संमिश्र-संख्या परिवार--१४० वामावत्तेन अथवा गुणा एड । बृहत्‌ संख्या वीरबल और आकाश के तारे--१४४५ बृहत्‌ और असंख्य १४६ प्राचीन भारत की कुछ बड़ी संख्याएँ--१४७ विश्व में कितने रेत के कण समा सकते हैं ?--१४८ गूगलप्लेक्स--११५० पुस्तक के उड़ने की संभावना--१४५१ कुछ जानी-पहचानी राशियाँ--१५३ बाबा विश्वनाथ की वाणी--१४५३ शतरंज की चालें--१५६ साहित्यिक थ ११११-१४ १४५-१७४५




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