मीराँ बृहतपद संग्रह | Meera Brihad Pad Sangrha
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20.17 MB
कुल पष्ठ :
373
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पद्मावती 'शबनम' - Padmavati Shabnam
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)्् से भी इस ओर कुछ प्रकाश फडता है। दूदा जी की पुत्री का राणा कुम्भ के साथ ब्याह्हा जाना समय के दृष्टिकोण से असगत भी नहीं ठहरता। यहाँ एक और पहलू. भी विशेष विचारणीय है। राजस्थान और बगाल की जनश्रुतियाँ मीरों को. सधवा ही प्रमाणित करती है परन्तु ऐसो क्षेत्रो में जहाँ मीरों के साहित्य का प्रचार फ्उिले कुछ वर्षों मे हुआ है जनश्रुति मीसें को विधवा ही मानती है। मीरों के जीवन का प्रमुख भाग राजस्थान मे व्यतीत हुआ अत वहाँ की जनश्रुति तुलनात्मक दृष्टिकोण से अधिक मास्य है। मीरोां की ख्याति राजस्थान के बाहर बगाल में ही स्व-प्रथम फंली यहाँ तक कि बगाल में भजन दाब्द ही मीरों के पदों के लिये रूठिरूप हो गया) अत राजस्थान के बाद बगाल की जनश्रुति को ही विशेष महत्व दिया जा सकता है। इन दोनो ही जनश्रुतियों से मीरों विधवा सिद्ध नहीं होती । विभिन्न स्थलों पर एक ही रूप मे चलने वाली जनश्रुति नितान्त निराधार हो ऐसा सम्भव नहीं प्रतीत होता । भक्त-गाथाओ के आधार पर भी मीरों का वैधव्य कही से भी छृक्षित नहीं होता। अस्तु अद्यावधि मान्य इतिहास की अपूर्णता को देखते प्राय सभी पदों से व्यक्त होती उपयुक्त भावना को कोरी जनश्रुति कह कर कदापि टाला नहीं जा सकता । ऐसी कुछ पदाभिव्यक्तियों में मीरों के दृढ़ भक्ति-भाव की भूरि-भूरि प्रदसा भी मिलती है। स्पष्ट ही है कि ऐसी भक्तिमती नारी द्वारा स्वय अपनी प्रश्सा असगत ही है। फिर ऐसे पदों की क्रिया तलृतीय-पुरुष वाचक है। इस से भी यही लक्षित होता है कि ऐसे पद किसी अन्य की रचना हे। मतभेद द्योतक अधिकाझ्य पद राजस्थानी भाषा मे ही प्राप्त है। कुछ पद ब्रज मिश्रित राजस्थानी मे और कुछ थोडे से शुद्ध ब्रजभाषा मे भी मिलते है। मतभेद द्योतक पदों में अधिकाश का राजस्थानी मे पाया जाना सगत भी है। इन राजस्थानी मे प्राप्त पदो की अभिव्यक्ति पर सतमत का गहरा प्रभाव दृष्टिगोचर होता है जब कि ब्रजभाषा मे प्राप्त पदों पर वैष्णव-प्रभाव ही अधिक स्पष्ट है। ब्रज मिश्रित राजस्थानी में प्राप्त पदों पर दोनो ही मतों का प्रभाव है। भाषा के परिवतन के साथ ही साथ भावाभिव्यक्ति में आया यह गहरा परिवर्तन विशेष विचारणीय है । प्राप्त पदाभिव्यक्तियों से ही यह प्रत्यक्ष हो जाता हैं कि यह मतभेद थीर्घ्न ही कट सघर्ष में परिवतित हो गया |ताला चौकी बिठा कर मीरों को महलो की सीमा मे बॉघ रखने का निष्फल प्रयास बार बार
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