ज़ख्मी पंजाब | Jakhmi Panjab
श्रेणी : नाटक/ Drama, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15.48 MB
कुल पष्ठ :
138
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)॥। मज्लाचरण ||
नट ( सूच घार ) व नटोका परमात्मा को स्तुति
करते हुए दिखाई टेना |
गाना ।
चरण शरण तुमरों सुखटाई ।
सकल जगत के भ्राप सद्दाई ॥
दख सड़ट के ऋरशाडार-सब के टाता डॉ उदार ।
कुट्रत नुद्रत पर निसार ॥
मत. विश्वासो-असत विनशो-हछो सुखराशों ।
सष्टि सुन्दर सरय रचाई ॥
नटो-प्राथनाथ ' आल इस रड़ भूमि पग कोनसा नाटक
दिखलाश्ोगी ?
_... नट-प्रिये ! उस नाटक का नाम लेते मेरो ज़बान धर्रातो
क्या पूछतो छो, द्खको शिलासे भ्रात्मा पिसो जातो है ।
खुशी का य नद्दों पग्योग गमका यु फसाना | ।
हमें नाटक यछ करुणामय सभासदाकों दिखाना है ॥
कि जिससे बे तरसको रछम को आदत सिखाना है ।
जो सड् दिल हैं उन्हें भो खून के आंसू रुलाना है ॥
नटो-मन को आजादो को गमको बेड़ियोंसे जकड़ने वाला
दुखके फोलादो पंजैसे अन्सरात्मा को पकड़ने वाला व/् ऐसा
कौनसा इतिहास से. जिसका नाम लेनेसे प्ले है आपको
सूरत उदास है ?
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