हिन्दी कहानियां | Hindi Kahaniyan
श्रेणी : कहानियाँ / Stories, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.68 MB
कुल पष्ठ :
124
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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गए कि जिनसे चरित्र सम्बन्धी तमाम कमं-प्रेरणाएं एक ऐसे सन्घि-
स्थल पर एकीकृत हो गई' जिनके सहारे उन गूढ़ चरिन्नों का सनो-
विइ्छेपण प्रस्तुत किया गया ।
अन्य; यशपाल, भइक, पहाड़ी आदि युगीन प्रद्नत्तियों के कहानी-
कारों की विशिष्ट कछाओं के फल-स्वरूप कथा-विधान की शेली में नए
नए रूपों और दस्त-छाघव के परिचय सिले । कहानी की निर्माण-द्ोछी
मोर रूप-विधान में अपूर्व ढंग का बैविध्य, नवोनता आर व्यापकता
आई ।
प्र
प्रेमसचन्द ने सामाजिक कहानियाँ तो लिखीं और ध्यंग्य भी किया
पर उनकी कहानियों में विद्रोह और कटुता नहीं है। इस तरदद की
कहानियाँ *'उम्', त्रहषभचरण जैन, चतुरसेन शास्त्री, चन्द्रकिरण सौन-
रिक्सा भादि बाद के लेखकों द्वारा लिखी गई । चन्द्रकिरण सोनरिक्सा
की *कमीनों की जिन्दगी”, असतराय की “इतिहास, उम्र की “हमारा
समाज भइक की 'चपत” और रांगेय राघव की “साम्राज्य का वैभव
आदि कहानियों इस कोटि की उच्कृप्ठ रचनाएं हैं । आज के जन-जीचन
को प्रतिबिस्त्रित करने वाले कहानीकारों में प्रमुख हैं यशपाल ओर
रांगेय राघव | इन्हीं के साथ हम एक उदू' कहानीकार का नाम ले
सकते हैं जो धीरे धीरे हिन्दी के सम्मुख आते जा रहे हैं, ये हैं किशन-
चन्द्र । इन जन कलाकारों की लेखनी आज उस खाई को पाटती जा
रद्दी द् जो अब तक सादित्यिक कथाओं और जन-कथाओं के बीच रददी
है ।'यशपाल और अइक दो अछठग-अर्ण दिशाभों में पहुँचे हैं; अकक
'जी ने रोमांस से रंग लिया है और यशपाल ने राजनीति से । यद्यपाल
की कहानियाँ घटना-प्रधान हैं जिनमें कद्दी तो परिस्थितियों की कट्ट
जालोचना है और कहीं सिद्धान्तों का प्रतिपादन । 'लास्मिक प्रेम”
आजकक के कलाकारों का मजाक है तो “मन के न्रगाम” में सस्कारों
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