श्वेताश्वतरोपनिषद् | Swataswataropanishad
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9.27 MB
कुल पष्ठ :
256
श्रेणी :
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No Information available about पं. भीमसेन शर्मा - Pt. Bhimsen Sharma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रथसोउध्यायः ॥ ्
सनसन्धेयम्-यहुब्रह्मसत्तयैव सदिवप्रचीय-
मान ब्रह्माधिष्ितं बहुविधं कारणमसवतन्त्रं
लिसित्तोपादानभूतसस्ति तस्य सवंस्य स्वातन्दये-
णाचेतनत्वादृशव्चत्वान्मुख्यतया . जसदुत्पा-
दक्त्व॑ नास्त्यपित्वेकरयैच सवेशक्तिमतः पर-
मात्सन: सत्या जगज्जायते तर्माततरयेव
जगदुत्पादकत्वससिज्ञा बेद्ामिसतं सन्यन्ते ।
न्न्
वि के कक
पत्यक्षसु पलभ्यन्ते म्रत्यहूं 'ोत्पत्तिस्थिति-
लयाः पदाधानां जायमानों ये दूश्यन्ते तेषां
कारणान्यपि बहूनि म्रत्यक्ेणोपलभयन्ते प-
न्त सब पदाधथष राढाइतिसक्मा चम चक्षरयों-
मलक्ष्या सवनियन्त्रो काचिच्छकश्किरस्ति यया
नियन्त्रिताश्वूराचरपदाथां नियसेन प्रकृत्ता
ढृश्यन्तें तस्याश्ू पाधश्लात्यादयो विद्टास: क-
सपि नामान्तरं वदन्त । तामेब देवात्सशक्तिं
परमात्सस्वरूप॑ सबवस्तष गढीं तत्तब्नामरू-
पावच्छिन्नामे खिल पदा थान्त: अर निछामखिल-
' | क्रियाक्रारिकासत्पत्त्यादे: प्रधघानकारणझता-
बट हि
उरस्य ततीयसन्न्नर्पाशयो5यमस्ति-यदूत्त -
सानक्राछुडपि सूयांदीनासुद्यास्तादिनियसा
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कतताववतरालासतालपरललमपलाप
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