नहुष | Nahush
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.35 MB
कुल पष्ठ :
73
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मैथिलीशरण गुप्त - Maithili Sharan Gupt
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)यह रहा मानस तो अमरों के ओक में गात्र मात्र ही है मोतियों का नरलोक में ही ७ सम पाकर. इसीको. रवि-रद्मि-दार दूसके | होती है. सदेव नई ब्रूद्धि परम में अमर न होगा कौन इस जल-बायु में ? गन्ध प्रथिबी का झुण व्योम भर जो बढ़ा आफके यहीं उन्नति की चूड़ी पर हे चढ़ा मिछता दर्द से ही सुख है परस का पार क्या परस के बरसते-से रस का | डोछती-सा -बोढता-सा एक एक पणें है बण-पीतता में भी सुबण ही सुबण हे । धूल उड़ती हैं तब फूलों के पराग की पत्र - रचना - सी पढ़ती है अनुराग की घन का क्या-यहाँ जीवन अशड हैं कितनी सजर्देता है किन्तु कहाँ पड़ है ? झाचो
User Reviews
No Reviews | Add Yours...