श्रुति - रत्नावली | Shrooti - Ratnawali
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6.5 MB
कुल पष्ठ :
294
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शास्तिपाठ श्रुतियाँ हर
ड* हमारा कल्याण हो, मन पवित्र कीजिये । 5” शान्ति:
शान्तिः शान्ति: ॥८॥
ट* हे देवो ! हम कानोंसे कल्याणरूप वचन सुनें । ध्यान करने-
वाले हम नेत्रों से कल्याणरूप देखें ! स्थिर अंगोंद्ारा सूचम श्रुतियोंसे स्तुति
करें । हे देवो ! झायुभर दम हित प्राप्त करें । महान् कीतिवाछा इन्द्र हमको
झानन्द देवे । विश्वका जाननेवाछा सूर्य हसको आनन्द देवे । अकुण्ठित
गतिवाला गरुइ हमको आनन्द देवे। चृहस्पति हमको आनन्द देवे। ठे*
शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥8॥
र जो श्रह्माको पूर्वें धारण करता है और जो उसके लिये वेदोंको
देता है, थात्मबुद्धिके अकाशरूप उस प्रसिद्ध देवकी शरणणें मैं मुसुह्
जाता हू । ड* शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥१०॥
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