आदर्श नरेश | Aadarsh Naresh
लेखक :
भ्काबर मल्ल शर्मा - Bhkabar Malla Sharma,
महामहोपाध्याय राय बहादुर पंडित गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा - Mahamahopadhyaya Rai Bahadur Pandit Gaurishankar Hirachand Ojha
महामहोपाध्याय राय बहादुर पंडित गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा - Mahamahopadhyaya Rai Bahadur Pandit Gaurishankar Hirachand Ojha
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19.26 MB
कुल पष्ठ :
464
श्रेणी :
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भ्काबर मल्ल शर्मा - Bhkabar Malla Sharma
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महामहोपाध्याय राय बहादुर पंडित गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा - Mahamahopadhyaya Rai Bahadur Pandit Gaurishankar Hirachand Ojha
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(३ ) जो आजकल के नरेशों में बहुत कम पाया जाता है। हिन्दू- धम के अद्वितीय विवेचक और परम दाशनिक प्रसिद्ध स्वामी विवेकानन्द॒ का जिसने अमेरिका आदि सुदूरवर्ती देशों में हिन्दुधम की महत्ता स्थापित कर दी थी वह आश्रय-स्थल था । अपनी प्रजा के प्रति उसका बड़ा प्रेम था। शिक्षा प्रचार की सुव्यवस्था के साथ खेतड़ी में कई लोकोपयोगी कार्यो और सुधारों का श्रीगणेश उसके समय में दी हुआ। संबत् १६४३ और ४६ जेसे भीषण अकालों के समय उसने प्रजा और पशुओं की रक्षा के ठिये निःसंकोच धन-ब्यय कर प्रजा- प्रेम का आदशं उदाहरण उपस्थित किया । सन् १८8७ ई० में स्वर्गीया महाराणी बिक्ोरिया की हीरक जयन्ती के अवसर पर राजा अजीतसिंह लण्डन गया और इश्जलेण्ड फ्रांस बेलजियम जमनी आदि देशों की यात्रा में तत्कालीन बड़े बड़ राजनीतिज्ञों से भेंट कर उसने अपने अनुभव में बृद्धि की । यूरोप की यात्रा से छोटने पर बम्बई में न्यायमूति जस्टिस मद्दादेव गोविन्द रानाडे के सभापतित्व में उसका अभिनन्द्न किया गया था। वह कठकत्ते बम्बई और देश के विभिन्न भागों में जहाँ कद्दीं भी गया वहीं उसका छोगोंने अच्छा स्वागत किया। उसका उसकी प्रजा में ही नद्दीं वरन. भारत के अन्य प्रान्तों में भी नाम और सम्मान था ।
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