बौद्ध दर्शन तथा अन्य भारतीय दर्शन [भाग-1] | Boudh Darshan Tatha Anya Bharatiy Darshan [Bhag-1]

Boudh Darshan Tatha Anya Bharatiy Darshan [Bhag-1] by भरत सिंह उपाध्याय - Bharat Singh Upadyay

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( २७ ) में औपनिषद परम्परा के अनुसार हो मीन साघन याले, उन सम्पक्‌ सम्दुद्ध, बात, निर्वाण-प्राप्त मुनि फो अनीय्यरवादी प्से फहा जाय ?--उन सहालमण को उच्छेदवादी फहना तो अपने हो शुभ फा उच्छेद फरना हैं । आ-'उत्तर वीद्ध दर्शन अथवा उत्तरफालीन वोद्ध दाद निक विकास +-सारत में बौद्ध घर्म 'मौर दश न के विरास फा स'क्षिप्त इतिहास पूर्ण निर्षिप्ट स्पथिरयाद फे अतिरिक्त बौद्ध पिचार फे विफास की अन्य परम्पराएं--युद्ध फे परिनिर्घाण-फाल दक का बोद्ध धर्म स्पविरदाद--साय हो दतीय संगीति फे दाद से ही सहासाधिकों फा उदप--अप्टाददा निफाप-- जसोफ-युग गे लयसा उसने फुछ पाले से हो मद्दायान-प्रदुियों फा उदय सोर दिफास--हीमयान नीर सहांपान--भदन्त नागार्जुन फे द्वारा मायान धर्म और द्योन फो एफ व्यदस्यितत स्परप प्रदान करना---सिदेश में भी योद्ध धर्म और दर्योन फे गमन की सक्षिप्स पजा । र-मदायान फा घामिंक स्वरूप घोर हीनयान और मद्दायान का ऐतिद्ासिक 'नौर सेसान्तिक सम्चन्ध महायान पे विफास फा सप्षिप्त सिहादलोकन--महायान फे दिकास में कारणभूत परिस्थितिपा--दो सत्यों पी पटाना--चुद्ध फो तीन फायाएं अयया महायान फम निकाय-सिद्धान्त--युर-भपित पा समादेया--योधिसर्य-सम्वन्धी सिद्धान्त जीर स्यथिरदादी बहूंतु आदर्श से उसफी तुलना--दया महायान ने निक्तु-प्म फे ऊपर गुहुस्य की प्रतिप्ण फी ? दोधिसर्द लादशं के विफास फी अदस्याएं--पारमिताएँं--योधिचित्तोत्याद और आध्यात्मिक विकास फी दस भूमियां--घर्मयुन्यत्ता, घर्मसमतता या तयता फा दिचार--महायान फा साहित्य । ३-दहीनयान : सम्प्रदाय, सादित्य 'र सिद्धान्त सर्वात्तिवादी साहित्य--सीदघान्तिक ओर चैभापिक आयार्म और उनके ग्रत्य--तसामान्य दार्बनिफ सिद्धान्त--सीप्ान्तिक ओर वैभाषिक मत तत्त्व- मोमासा लीर प्रमाण मोमासा के क्षेत्र में--होनपानी आचार-तत्व । ४-मदायान : साहित्य 'मौर सिद्धान्त विज्ञानवाद - नाचार् और साहित्व--शून्यवाद - जाचार्प और साहित्य-- चिज्ञानवाद का सामान्य. विदेदल--आलपविशान--पिज्ञप्तिमान्रता--भूत- तयता--अलग-अलग विवेचन--शून्यता का उपदेदा--घर्मनरात्म्य--संदूति




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