अकबर | Akabar
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.82 MB
कुल पष्ठ :
179
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पूर्वकथा, जन्म । पर
वीरता दिखाई । बाबर को जय श्रौर 'ग्राज़ी” की पदवी मिली;
वीर राजपूतां के शिर चढ़ा-उतार शिखर रूप में जमाये गये ।
बंगाल के लोदी पठानों ने फिर ज़ोर मारा कि बाबर को
परास्त करके झ्रपना राज्य जसावे”; परन्तु मुगल बादशाह ने कुछ
अख-बल से श्रोर कुछ वुद्धि-बल्ल से उनको परास्त्र किया ।
सन् १५३० ईं० मे बाबर की सृत्यु हो गई श्रौर दिल्ली का
राज्य उसके बड़े बेटे हुमायूँ को मिला । बावर वढ़ा वीर शोर
उदार था श्रौर झ्रपने मित्रो पर प्रेम रख कर उनकी यथाशक्ति
सहायता करता था । परन्तु वह खरा विजेता ही था, श्रथांतु
सेना को उत्तेजित करके लड़ना जानता था श्रोर देश जीत
सकता था । परन्तु जिस प्रकार के प्रबन्ध की झावश्यकता
भारतवर्ष मे थी, वह बाबर से नहीं हो सकता था । जिस देश
के वासी श्रधिकतर हिन्दू हों वहाँ मुसलमानी ढँग से राज्य
करना कैसे सफल हे! सकता था ।
हिन्दुओं श्रौर प्रतिपक्षी मुसलमानों के हृदयों मे यह बात
जमी हुई थी कि बाबर अन्य-देश-वासी बादशाह है; उसको
हम लोगों से कोई सहानुभूति नही हो सकती । यह बात केवल
बाबर ही मे नही किन्तु उसके पूर्व के प्राय; सभी मुसलमान
बादशाहों मे रही, इसीसे राज्य की जड़ हिन्दुखान मे न
जम सकी ।
बाबर के चार पुत्र थे, हुमायूँ को राज्य मिला, कामरान
को काबुल, कृघार जार पंजाब की सूबेदारी मिली; अस्करी को
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