इंग्लैण्ड का राजदर्शन | Ingland Ka Rajdarasan

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Book Image : इंग्लैण्ड का राजदर्शन  - Ingland Ka Rajdarasan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्२ इंगलैंड का राजद्शन (६८706) को देखते हुए अपवाद ही से लगते थे । पार्टियामेंट की कार्यवाही उस काल तक भी गोपन होती थी और दो-एक वेस्टमिन्स्टर (४४#८४१एए05- (८1) और ब्रिस्टल जैसे श्रपवादों को छोड़कर संसद की सदस्यता भी सम्पन्न वर्ग (एप्ाध्ट्रवठ (1255) के प्रतिनिधियों का ही अधिकार था । क्रांति (२ि८४०- 1प्र्॑००) का वास्तविक श्रर्थ सूदम और व्यापक स्वतंत्रता के रूप में इतनी अभि- व्यक्ति नहीं पा सका था जितनी कि उसने एक मूर्ख श्रौर हृद्टी सम्राट के स्वेच्छाचार (30४ छाए) श्र अपनी पीढ़ी के प्रति अविश्वास श्रौर देश के रूप में कलीसूत हुश्रा था । जिस इगलैंड ने जेम्स ट्विंतीय को निष्कासन तक दे दिया था वही इंगलैंड ह्यूम के शब्दों में मीतिपूर्ण ढंग से केवल अंश रूप में मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करता था । अमी तक जनसमुदाय ( /125565 ) को न तो कोई जान सका था और न किसी ने उसकी खोज ही की थी । यदि वह कहीं किसी रूप में श्राता भी था तो या तो वालपोल ( रद] 016 ) द्वारा पारित एक्साइज बिल (फिडटा5८ छिए) जैसे योग्य कानून का विरोध करने आता था या गोल्ड स्मिथ (001050000 आर कूपर ((00०फ़८0 अथवा क्रेब (028०0) की साहित्यिक कुतियों में श्रद्ध करणाजनक भावना में चित्रित किया जाता था । सामतवादी शक्तियो (37150000810 (0000) की क्रान्ति के बाद कितनी संगठित शक्ति थी इसका झामास तो हमें उस समय मिलता है जब फ्रांस में रूसो (२००४५८४०) द्वारा स्वतंत्रता की मॉग को वहाँ की जनता ने तिरस्क्ृत तर खडित करके फेंक दिया था। बके (900६८) ने जब इस मॉग का खंडन करते हुए की शराजकता के विद्द्ध कस कर विरोध किया तो सारे इंगलैंड में उसके विचार एक लपट की भाँति फैल गये श्र केवल पिट (2 00 जैसे कुछ अति साहसिक व्यक्ति ही उसका विरोध श्रौर खणडन करने में समथ हो सके । ऐसा युग कुछ भी नये झ्न्वेषण ([21500ए८7ऐए) का दम नहीं भर सकता श्र यदि वास्तव में देखा जाय तो इस युग में कुछ भी अन्वेषणपूण कार्य नहीं हो सका । जहाँ तक राजनैतिक विचारों का सम्बन्ध है यह युग निश्चय ही विशेष रूप से झमाव का युग रहा है। राज्य ( 50206 ) की कभी भी झपरि- वर्तनशील व्यवस्था नहीं रही हैं। इसके विपरीत राज्य श्रपने पर्यावरण




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