पुरानी राजस्थानी | Purani Rajasthani

Purani Rajasthani by एल.पी. देस्सितोर्री - L.P Dessitori

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about एल.पी. देस्सितोर्री - L.P Dessitori

Add Infomation About.. L.P Dessitori

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
४ किसी मिश्रित मध्यवर्ती बोली के रूप से कुछ अलग रद गईं थीं--यह में निश्चयपूवक नहीं कह सकता । फिर भी इनमें से द्वितीय विकल्प के पक्ष में मेरा झुकाव है। यदि इस मध्यवर्ती भाषा का अस्तित्व था तो उसे प्राचीन पूर्वी राजस्थानी पुकारना तथा जिन बोलियो को भाजकल ढु ढारी या जयपुरी की सामान्य संज्ञा के अंतगंत रखा जाता है उनका प्राचीन प्रतिनिधि समझना उचित होगा । संभवतः इस प्राचीन भाषा के कुछ प्रमाण सुरक्षित हैं लेकिन जब तक वे प्रस्तुत नहीं किए जाते तब तक इस विषय को हम विचाराघीन ही रखते हैं। परन्तु हम यह मान सकते हैं कि पूर्वी राजपुताना की प्राचीन माघा--वह प्राचीन पूर्वी राजस्थानी दो चाहे प्राचीन पश्चिमी हिंदी--मूछ रूप में गुजरात गौर पश्चिमी राजपुताना की भाषा की अपेक्षा गंगा द्वाब की भाषा के अधिक निकट थी । फ्लोरेंस के रीजिया बिड्लि- ओोथेका नेजुनाले चेंत्राल्ले के भारतीय पांडुलिपियो के संग्रह में मुझे रामचन्द्र के पुण्यश्रावक-कथा-कोश के जयपुरी रूप का एक अंश प्राप्त हुआ हे । इसकी भाषा यद्यपि सुदिकिढठ से २०० या ३०० वर्ष पुरानी होगी फिर भी यह ध्यान देने योग्य बात है कि आधुनिक जयपुरी की अपेक्षा परिचमी हिंदी से समानता रखनेवाले तत्व इसमें अधिक हैं । इस प्रसंगान्तर के बाद अब मै फिर मपने विषय का सूत्र पकड़ता हूँ । प्राचीन-पश्चिमी राजस्थानी की उन मुख्य विशेषता्भों को समेठ कर दो में इस प्रकार रखा जा सकता है जिनके द्वारा बह एक ओर अपश्नंश से अछग दो जाती है भर दुसरी भोर भाधुनिक गुजराती जौर मारवाड़ी से -- १. अपभ्रंश के व्यंजन-द्वित्र का सरढीकरण आर पूववर्ती स्वर का प्राय दीर्घीकरण हो जाता है जैसे-- अप झाउज प्राप० रा० झझाज ( दद्यह ६) अप० वद्दल प्रा० प० रा० बादल ( एफ़० ५३५ २२ ) अप ० चिब्भडि प्रा० प० रा० चीभड ( पं० २४५२ ) थोड़े से अपवःदों के साथ यह ध्वन्यात्मक प्रक्रिया समान रूप से सभी नब्य भारतीय आायंमाघाभों में भी पाई जाती है और अपश्नंश की तठुढना में यह न० भा० आा० की स्पष्ठत। लक्षित दोनेवाली मुख्य विशेषता मानी जा सकती है । १०. इन सचिप्त रूपों की व्याख्या इस अध्याय के श्रन में देखिए ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now