भारतीय कला | Bharatiya Kala
श्रेणी : भारत / India
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
28.18 MB
कुल पष्ठ :
470
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री पृथ्वी कुमार अग्रवाल - Shree Prathvee kumari Agrawal
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ले वदाकदरकपनस कं 0
५१,
दर
रे
प्र
५
५६,
७,
५८,
प्र,
द्रू०य
६.
धर,
दे,
६,
द्.
द्द
६७,
घ्८
७०,
७१
७२.
७-७४,
७५,
७६
७५४७,
७८
७९,
८ है+
८ रे.
८ २-८,
(१३
वही, मूल रूप में ।
पाटलिपुत्र का प्राचीन साखू के ल्झाँ का बना हुआ परकोटा या शाल-प्राकार । बुलन्दीबाग, पटना |
लगभग चौथी झती ईसवी पूर्व का अन्तिम भाग ।
अशोककालीन ओपदार स्तम्भ शीपंक । रामपुरवा । तीसरी शती इसवी पूर्व ।
बूष युक्त स्तम्भ शीर्षक । रामपुरवा । तीसरी शती ईसवी पूर्व |
सारनाथ सिंह शीष्रंक । तीसरी शती ईसवी पूर्व ।
लोमश ऋषि गुफा का मुद्दार ( निकट से ) । बराबर पहाड़ी, गया । तीसरी शती ईसवी पूर्व ।
पाषाण-मस्तक । पाटलिपुत्र । तीसरी झती ईसवी पूर्व ।
यक्ष-मूर्ति । बम्बई के निकट संभवतः प्राचीन झूर्पारक स्थान से । तीसरी डाती ईसवी पूर्व ।
यक्षी मूर्ति । दिल्ली के पास मेहरौली से। गुलात्री रंग का बलुआ पत्थर । तीसरी-दूसरी शती
इंसवी पूर्व |
दिमुखी यश्नी मूर्ति । पश्चिम से सम्मुख दर्शन । दूसरी शती ईसवी पूर्व ।
वज़ासन या बोधिमण्ड । बोघगया । तीसरी दाती ईसवी पूर्व ।
पापाण-वेदिका । पाटछिपुत्र । तीसरी झती ईसवी पूर्व ।
मथुरा के देव निर्मित जैन स्तूप की पुनः अभिरचित वेदिका । देखिए, प्र० २१८ आदि । लखनऊ
संग्रहालय |
पापाण-वेदिका | बोघगया । द्वितीय-प्रथम झती ईसवी पूर्व ।
भरहुत स्तूप की अभिरचित वेदिका | द्वितीय झती इसवी पूर्व । कलकता संग्रहालय ।
हैँसतामुख्ी बाउक | सूण्सय मूर्ति । पटना | द्वितीय दाती इंसवी पूर्व ।
मुण्मय स्त्री मूर्ति । बुलन्दीबाग । द्वितीय झाती ईसवी पूर्व ।
मृण्मय मावदेवी । मथुरा ।
मृण्मय स्त्री मूर्ति की अंग यष्टि ( अंगढ़ेट ) । गंलकपुर । ढगभग दूसरी शती ईसवी पूर्व ।
सुदर्दाना यक्षी । भरहुत स्तूप | कलकत्ता संग्रहालय |
भरहुत स्तूप का वेदिका स्तम्भ । राष्ट्रीय संग्रहालय ।
खण्डित स्तम्भ जिसपर लंघक नरों द्वारा सुमेर निर्माण का खेल अंकित है । भरदहूत से प्राप्त । प्रयाग
संग्रद्दाछय ।
वेदिका स्तम्भों के गोल परिचक्र | मरहुत । कलकत्ता संग्रहालय ।
साँची के मददास्तूप के पूर्वी तोरण के बाँयें खम्मे का पूर्व-मुखी दर्शन ।
साँची के महास्तूप के दश्चिंग द्वारततोरण के दाहिने स्तम्भ का पूव-मुखी द्शन ।
साँची के महाचेतिय के पूर्व द्वार तोरण की मुँडेरी का उत्तर-पूर्व से दर्शन ।
साँची के स्तूप संख्या रे के द्वार-तोरण का दक्षिणी दृश्य ।
साँची के महाचेतिय के द्वार-तोरण में बने हुए किंकर यक्षों की मूर्तियाँ ।
3 श्र
« साँची के महास्तूप के परिचमी तोरण के दक्षिणी स्तम्भ पर निचले भाग में अक्कित सिंह मूर्तियाँ ।
मृण्मय बुघभ । कौशाम्ब्री | युंग ।
मृण्मय स्त्री मूर्ति की मध्य यष्टि । हस्तिनापुर । तीसरा युग ।
मान्घाता का उत्तरकुद प्रदेश में गमन । भाजा विहार । द्वितीय दाती ईसवी पूर्व । दृश्यों की पहचान
के लिए, देखिए प्र० १९१-९र३
User Reviews
No Reviews | Add Yours...