पंजाबी की प्रतिनिधि कहानियां | Punjabi Ki Pratinidhi Kahaniya
श्रेणी : कहानियाँ / Stories, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.87 MB
कुल पष्ठ :
276
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भाभी मैना गुरवर्दार्सिह १८९५ गुरवरूासिह को आधुनिक पंजाबी गद्य का जमदाता माना जाता है । रोचक और हृदयग्राही शली मे उ होने गद्य की विभिन विधाधा पर अपनी प्रतिभा का समत्वार दिखाया है । भ्राधुनिक पंजाबी कहानी के विकास मे उनवां यीग॑ बहुत महत्त्वपूण है । श्रपन यापक मानवीय हृप्टिकाएा श्रौर प्रगति- सील विचारधारा के कारण वे श्रान वाली पीटी के कहानी लेखका के निए सदा प्रकारा-स्तम्भ वा बाम बरते रह हैं गुरबरूगर्सिह की विभिन विपयो पर लगभग ५० पुस्तकों प्रकाशित हो चुकी हैं इन मे प्रीत कहाणिया श्रनाखे ते इकलत वीर विनोद साग प्रीत दा जादू प्रीता द॑ पहरेदार राबनम श्रौर भाभी सना झादि लगभग एक दंजन कहानी सगह हैं । इस सग्रह म उनकी वहूर्चाचत कहानी भाभी मैना वो सप्रहोन क्या गया है 1 शहर की एक गली से दो आसने-सामत के घरी के बीच से सुर्कित स तीन सादे लीन गज का फासता होगा । पहली छत पर उन घरों की खिलविया भी अमन सामन खुलती थी । एक म से सामने दोबार पर टगा टुझ्ा बडा शीचा लिखता था 1 झौर चीजें इस कमर म थोड़ी ही थी । एक घारपाई दा चार पुस्तकें कघी तेल ग्रार दीवार पर एक दो चित्र टाकरी में दो थार कपडे । यह एक छांटान्सा कमरा था श्रौर इस म सिवाय एव स्त्री के श्ौर काई सूरत कम हा देखने मे आती थी। यह स्त्री कभी दसीदा काटती बसी पुम्तम परता कभी
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