सेनापति कर्ण | Senapati Karn

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : सेनापति कर्ण  - Senapati Karn

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about लक्ष्मीनारायण शर्मा - Lakshminarayan Sharma

Add Infomation AboutLakshminarayan Sharma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
1 सेनाएति करण और कुरभूमि में दिखावें कुरुदल को यदुकुल शो हम पिशव विजयी हैं जो अड़ सकता है कान सशूल के प्रह्मार में 2 शूल के प्रह्मार में कहों तो जरासन्ध की संखाचुव्ध सिंघु की तरंगें सम ब्रज में आयी जब वाहिनी डुबाने यहुकंश को बंदीकर यहुकूल रन को समर में यादवों को. ग्ार कर मार कर कृष्णा को लेने श्रतिशोध मघवा के यज्ञ भाग का जिसको किया था बंद थदुकुलरत्न ने पुरय श्रजयूमि से. भगाई शार्यकुल की मिथ्या यज्ञ भावना थी सिथ्या इन्द्र-भूजा को जब था हटाया स्वर्थ योग यह सांग को वासव का साय था जो । शुश्र आत्मज्ञान की ज्योति से अकाशित किया था श्रजभूमि को जेसे कृष्णा रजनी में फूट कर व्योम में घूमकेतु करता... प्रकाशित .. दिगंत है। चौंक उठा मगध यहाँप यह देख के | धर्म की विडिस्वना में भन्थमति कद हो दौड़ न्नजमंडल को पादाक्रासी करने । लोहित हुई थी. जहाँ यमुना तरंगियी याद करो बीरो / जहाँ नील उर्मिमाला ने




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now