प्रकृति साहित्य का इतिहास | History Of Prakrit Literature

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History Of Prakrit Literature by जगदीशचन्द्र जैन - Jagadish Chandra Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(दे ) २०९ ह २११-२३३ २११ २१७ २२० २९ २३० र्द्१ २३९ र३४-२६० ३४ ३७ ३८ २३९ ४७ 3 २४९ रुप ५५९ २६० न्द१-रदप न्घ्१ ६७ ११० ं न । चौथा अध्याय दिगस्बर सम्प्रदाय के प्राचीन शाख्र ( ईसवी सच की प्रथम शताब्दी से १६वीं शताब्दी तक ;) नर्‌इ६-३२७ दिगवर-श्वेताबर सम्प्रदाय... ९६९ षट्खडागम का महत्त्व ७४ षट्खंडागस की टौकाएं २७५ षट्खडागम के छ॒ खण्ड २७६ कसायपाइड १७७ षट्खंडागम का परिचय २७८ सहावघ २८९ कसायपाहुड ९० तिलोयपण्णत्ति २९३ लोकविभाग २९६ पचास्तिकाय-प्रचचनसार-समयसार २९७ नियमसार द्‌ ०० रयणसार श्र श््टपाहुड ०१ वारसथ्णुवेक्खा दर दसभंत्ति श सगवती्याराघना द्०्दे मूलाचार ३०८ कत्तिगेयाणुचेक्खा ३१९ सोम्मट्सार १9 श्रिलोकसार १४ लब्घिसार 53 द्रन्यसग्रह रप१९४ जघुद्दोबपण्णतिंसगदद ३ घम्मरसायण द१६ न एरटर के




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