पाइअ - सद्द - महण्णवो ( प्राकृत-शब्द-महार्णवः ) | Paia-Sadda-Mahannavo (Prakrita-Shabda-Maharnava)

Paia-Sadda-Mahannavo by पं. हरगोविंदास त्रिकमचंद - P. Hargovindas Trikamand

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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संकेत सम्मत्त सम्य सम्यक्त्वों सा सार्घ सिंक्खा सिग्घ सिरि सुख सुज्ज सुपा सुर सूत्र सूभ्रनि सुक्त सुमन स्वप्त हम्मीर द्वास्य हि | 1] ॥ || ॥ ॥ ॥ | 1] |! ग्रन्थ का नाम सम्पक्व्वसप्तति सटीक सम्पक्ट्वस्वडूप पीसी सम्यक्वोरपादवि धिकुलक सामान्यगुणोपदेशकुलक गणघरसार्धशतकप्रकरण शिक्षाशतक सिग्घमवहरउ-प्मरण सिरिसिरिवालकहा ( ११ संस्करण श्रादि दे० ला० पुस्तकोद्धार-फड, चर्म्बई, 7६१६६ झ्रंवालाल गोवर्घनदास, वम्वई, १६१३ १ हस्तलिखित 353 जौहरी उुस्तीलाल पन्नालाल, वम्वई, १९१६ पे हस्तलिखित स्व सपादित, कलकत्ता, सवत्‌ १६७८ दे० ला पुस्तकौद्धार फडः वम्बई, १६९३ सुखवोघा टीका (उत्तराध्ययनस्य) ६ हस्तलिखित सुर्यंप्रजञप्ति सुपासनाइचरिम्र सुरसुदरीचरिश्र सुश्रगडांगसुत्त सूत्रकताज्धनियु कि सुक्तमुक्तावली सुन्रऊुतागर्चूणि सेतुबंघ स्वप्नवासवदतत हम्मीरमदमदेन हास्यचूडामणि (प्रहसन) हितोपदेशकुलक हिततोपदेशसारकुलक हेमचन्द्र-प्राकृत-व्याकरण हेमचन्द्र-काव्यानुशासन श्रागमोदय-समिति) वम्बई, १९१९ स्व-संपादित बनारस, १६१८-१६ जैन-विविघ-साहित्य-शाक्न-मालाः वनारम, १६१६ + १ मीमसिह मायोक, चवरई, १९६ ३६ २ श्रागमोदय समिति, वर्वई, संवत्‌ १६१७ १ इस्तलिखिच २ भ्रागमोदय-समिति, बवई, सवत्‌ ६६७३ ३ भीमसिंह माणऐक 3. 3 है ९.र६ दे० ला० पुस्तकोद्धार फंड, ववई, १९२२ 15 निणुयसागर प्रेस: बवई, १८९१४ श्रिवेन्द्र-सस्कृत-सिरीज गायकवाड श्रोरिएन्टल सिरोज, न, १०, १६२० प' हस्तलिखिंत # रै डॉ, श्रार्‌ पिशेलू-सपादित, १८७७४ २ वंबई-सस्कत-सिरीज, १६०० निएुंँयसागर प्रेस, बंवई, १६०१ १ ख्रद्धेय शीयुत के प्रे, मोदी द्वारा प्राप्त । $ देखो “उत्त' के नीचे की टिप्पणी 1 जिसके श्रक दिए गए हूँ वह पत्र गाथा शत १ * * श्रव्ययन, गाथा के थि के पाहुड प्र * परिच्छेद, गाथा श्रुतस्कंघ, श्रष्य ० 3 श्रतस्कघ 4 स्न्य गाथा 3 पृश्न श्राधासक, पत्र पु रह र् गाया जी पद, सुर +सुच के भ्रंक इन दोनों में भिल्‍त भिन्न हैं, प्रस्तुत कोष में सूत्नाक केवल भी, मा के संस्करण के दिए गये है ।




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