पाइअ-सदद-महणवो | Paaia-Sadad-Mahnvo

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Paaia-Sadad-Mahnvo  by पं. हरगोविंदास त्रिकमचंद - P. Hargovindas Trikamand

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पं. हरगोविंदास त्रिकमचंद - P. Hargovindas Trikamand

Add Infomation About. P. Hargovindas Trikamand

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
सकेच सम्मत्त सम्य सम्यक्त्यो सा सार्धं सिक्खा किध निरि सुख यज्ज सुषा सुर सश्र सूग्रनि सूक्त सूत्र से स्वप्न हम्मीर हास्य ॥ ॥ 1 ॥ ग्रन्थक नाम सम्यक्व्वसप्तति सथेक मम्यक्त्वस्वकहूप पचोसो सम्यक्वोत्पादविधिकुलक सामान्यगुणो पदेशकुलक गणधरसार्धशतकप्रकस्ण शिक्षाशतक सिंग्धमवहरउ-ध्मरण सिरिसिरिवालकहा ( ११) संस्करण श्रादि दे०° ला० पृस्तकोद्धार-फउ, वम्बई, १६१६ श्रंवालाल गोवधनदास, वम्बई, १६१३ ।' हस्तलिखित 9 जौहरी इन्मीलाल पन्नालाल, वम्वई, १६९१६ { हस्तलि{खत स्व सपादित, कलकत्ता, सवत्‌ १६५७८ दे< ला? पस्तकोद्धार फंड, वम्बई, १६२३ सुखवोवा टीका (उत्तराव्ययनस्य) ‡ हस्तलिखित सुयंप्र्नप्ति सुपासनाटचरिग्र सुरसुदरोचरिग्र सृश्रगडागसुत्त सूव्रकृताद्धनियुक्ति सुक्तमुक्तावली सुत्रझतागचूर्णि सेतुबध स्वन्नवासवदत्त हम्मीरमदम देन हास्यच्रूडामणि (प्रहसन) हितोपदेशकूलफ हितोपदेशसारकुलक हेमचन्द्र-प्राकृत-व्याकरण हेमचन्द्र-काव्यानुशासन प' श्रद्धेय श्रीयुत्त के प्रे, मोदी ढारा प्राप्त 1 ‡ देखो “उत्त' के नीचे को टिप्पणी । + सूत्र के श्रंक इन दोनों में चिन्न भिन्न ६, प्रस्तुत कोष मे सूत्राक् केवल भी. मा के संस्करण के दिए गये है । श्रागमोदय-समित्ति, चम्बई, १९१९ स्व-संपादित बनारस, १९१८-१६ जेन-विविघ-साहिव्य-शाघ्न-माला, वनारम, १६१६ + १ भीमर्सिंह माणक, वव, १६३६ २ श्रागमोदय समिति, ववर्ई, सवत्‌ १६१७ १ हस्तलिखिच २ श्रागमोदय-समिति, ववई, सवत्‌ ६७३ ३ भीमर्बिहमणेक > ) १६३६ दे० ला० पुस्तकोद्धार फंड, ववई, १६२२ 2 41 ॐ निणंयस्तागर प्रेस ववरई, १८६५ निवेन्द्र-सस्कृत-सिरीज गायकवाड श्रोरिएन्टल छिरीज, न, १०, १६२० ग' हस्तलिखित % १ डं. भ्रार्‌ पिशेलू-सपादित, १८७७ २ चर्वाई-सस्कृत-सिरीज, १९६०० निणंयसागर प्रेस, बंबई, १९६०१ जिसके श्रंक दिए गए हैं वह पत्र गाथा १ ° श्रव्ययन, गाया ५ पाहुड प्रष्ठ * परिच्छेद, गाथा श्रतस्कंघ, श्रच्य ० १) श्रुतस्कंघ १२ गाथा 3 पत्र गा श्राश्चासक, पत्र ण्ट 3 3 गायां >) ४ पद, सत्र गा 29 कक के पु ष्ठ




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now