भारत के देशो राज्य | Bharat Ke Deshi Rajya
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
39.89 MB
कुल पष्ठ :
1054
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about सुखसम्पत्तिराय भंडारी - Sukhasampattiray Bhandari
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कडौदा राण्स का एसिदासव
मे... आदर
सी भेजा था । इस चत्सव में सस्सिलित होने के लिये महाराजा ने रेसिडेल्ट
साइव को निसन्त्रित किया, किन्वु वे न आये । उस समय रेसिडेग्ट के पद
पर कल फेर थे |
इसके पश्चातू मद्दाराजा पर रेसिडेन्ट पर विष-प्रयोग करने का
भारोप रखा गया । रेसिंडेन्ट ने इस घटना की सृष्चना झ्ारत-सरकार को सी
दे दी । इस सनसनी फेलानेवाले-समाचार से चारों ओर खलबली मच गई
भर भारत-सरकार ने इसकी जाँच करने के लिये एक कमीशन नियुक्त किया ।
एस कसीशन में ६ सदस्य नियुक्त किये गये, जिनमें ३ अंग्रेज और ३ हिंदुस्तानी थे ।
हिंदुश्तानी सदस्यों में महाराजा जयाजीराव सिंधिया, जयपुर के महाराजा सवाई
रामसिंदजी और रावराजा सर दिनकरराब जी थे । यध्यणि सहाराजा-सरहार
राव एक प्रजाप्रिय नरेश न थे, तथापि जनता और हिन्दुस्तान के अन्य
सम्ध्ान्त व्यक्तियों ने उनके श्रति पूरी हसदुर्दी प्रकट की । कमीशन के सामने
इनकी खुली तौर पर जाँच हुई । बाइस दिन तक इनका केस चला । इसमें
महाराजा की ओर से इंगलेएड के सुप्रसिद्ध बैरिस्टर सारजन्ट बेलेन्टाइन
आये थे । इन्होंने महाराजा का खूब नचाव किया । बम्बई के सालिसिटरों
और अन्य दुसरे वकीलों ने भी सि० बेलेन्टाइन की सद्दायता की । ई० स०
१८७५ की २४ वीं फरवरी को बड़ौदा रेसिडेन्सी के एक विशाल-सवन में
यह जाँच शुरू हुई । जाँच के काय्य में सर दिनकरराव जी ने बड़ी कार्य्य-
दक्षता दिखलाइे । मद्दाराजा जयाजीराव सिंधिया और सवाई रामसिंह जी मे
थी बड़ी दिलचस्पी के साथ काय्य किया । जॉच पूरी हो जाने पर हृरक्रए
सदस्य ने अपनी राय भारत-सरकार को लिख भेजी । इसमें तीन युरोपियन
खद्स्यों से सद्दाराजा को गुनद्गोर ठहराया, किन्तु नाकी के तीन प्रभावशाली
देशा-राज्य-सद्स्यों ने उन्हें निर्दोषी माना । जब यह मामला थारत के तत्का-
लीन वाइसराय लॉड नॉथत्रूक के पास पहुँचा तन ने सिन्न ९ रायों को देस्स
यूठे असमंजस में पड़ गये । वे इस कमीशन की जॉँच के भधार पर महा-
राजा के ऊपर किसी तरइ का आरोप न रख सके । आखिर में इन्होंने 'कुशा-
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