निखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन | Nikhil Bharatiya Ayurved Maha Sammelan

Book Image : निखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन  - Nikhil Bharatiya Ayurved Maha Sammelan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about उपेन्द्रनाथ दास - Upendranath Das

Add Infomation AboutUpendranath Das

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
श्र उपसंमितियों का कार्य - मिस्स॒न्देद, इसका सारा श्रेय मिर्न-सिन्‍्स विभागों की उपसमितियों को है। उनके कार्य का विस्तत विचरस यथास्थान दिया गया है। तथापि दम यहां शर्थसमिति के सराहनीय कार्य का उल्लेख किये बिना नहीं रद सकते ! सारा झाघार घन की च्यवस्था पर ही था। श्ार्थ उपसिति की तत्परता से धन की जो व्यवस्था हुई, उससे सभी समितियों की चिन्ता का भार इलका दो गया 'यौर उन्होंने इसी कारण दिल खोल कर पूरे उत्साह से अपना अपना कार्य कियां। ातुमानिक व्यय बारह हजार करता गया था; « किंग्ठु चास्तंविक व्यय सोलह इजार पर' पहुंच गया। फिर भी किसी म्रकार की कोई चिन्ता नहीं करभी पड़ी शोर किसी भी कार्य एवं घिभाग में किती भी प्रकार की कोई कमी श्रथवा कठिनाई श्रन्ुभब नहीं की गई । खुला खर्च करके भी स्वागत समिति को साढ़े छः इजार से श्रधिक की बचत हुई । इसका 'मधिकांश श्रेय अर्थेसमिति को ही टै । तोनों प्रकार की संरद्षकता शुल्क में लगभग पौने बारह हजार रुपया इकट्ठा हुआ श्रौर तीनों प्रकार की सदस्यता शुल्क में लगमग सबा आठ हजार । बीस दजार के लगभग सो इस प्रकार शुल्क में जमा हो गया । पौसे सीन इजार के लगभग प्रतिनिधि, दर्शक 'औौर प्रदर्शनी की श्राय हुई। श्र्य समिति ने जिस सत्परता से कार्य किया, उसका पता कार्यकाशिशी के १९ जनवरी के उस प्रस्ताव से लगता है, जिसमें यह निश्चय किया गया था कि प्रत्येक सदस्य 'को कार्यकारिणी द्वार। निश्चित फिया गया श्रपना समय थे संग्रह के लिये अवश्य देना हो होगा । इसी प्रकार स्थागत समिति फा सारा ही कार्य आय: निश्चित योजना श्रौर छढ़ संफल्प के साथ किया गया। इसीलिये उसमें श्ाशातीत सफलता भी प्राप्त हुई । स्थागत समिति को देदली,की श्रायुर्वेदप्रमी जनता श्रौर धनो-्मानी सेठ-साहूकां फा जो सदयोग एवं सद्दायता प्राप्त हुई, पद '्याशावीत और फल्पनातीत थी । सभी वर्गों ने सहायता और सदयोग का हाय थटा कर स्वागत समिति के कार्य को बहुत दलस घना दिया । विद्यापीठ सम्मेलन के स्वावताध्यद् सेठ घुन्नीलालजी लयपुरिया श्पौर म्रदरशनी के स्वागताध्यक्ष बाचू राजिर्दकमारजी सैन ने प्रतिनिधियों के एकनएक समय के भोजन का च्यय अपने ऊपर ले लिया। मदासम्मेलन के स्वागवाध्यक्ष सर शंक्ररलालसी का भी सराइनीय सदयोग रद थी चैश्नाथ चआपुर्वेद भवन ने भी एफ ! समय के भोजन के च्यय से स्वागत समिति थो निश्चिन्‍्त कर दिया। मय




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now