काले हायर संस्कृत ग्रामर | Kale Higher Sanskrit Grammar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ७ दे अपने विषय को श्रत्यन्त संक्षिप्त रूप में उपस्थित करने में पाणिनि को भ्रनेक विधियों का श्राश्रय लेना पड़ा । जिनमें कुछ विधियों का वर्णन हम नीचे दे रहे हैं -- िच १. श्रत्याह्मार--संक्षेप करने के लिए पाणिनि ने प्रत्याह्मार विधि को श्रप- नाया है। प्रत्याह्मार का प्रथम अ्रक्षर ऐसा होता है जो हलू या इत्संज्ञक न हो दूसरा वण निश्चित रूप से हलू रहता है। इन प्रत्याहारों का निर्माण १४ माहे- इवर सूत्रों के झाघार पर होता है। इनमें प्रथम वर्ण से इत्संज्ञक वर्ण तक के बीच श्राने वाले श्रक्षरों की गणना होती है। उदाहरणाथं--श्रक्‌ प्रत्याह्हार के अ्रंतगंत अर इ उ ऋ श्रौर ल वर्णों की गणना होती है। १४ माहेश्वर सूत्र निम्नाडित हैं -- प्रडउण्‌ । १ ऋलक्‌ ।२।. एग्रोड । ३। ऐम्रौचू ।४। हयवरट्। श। लगू। ६। नमडणनम्‌ 1७1 झभन्‌ ।८। घढघष्‌ ।€£। जबगडदद ।१०। खफछठथचटतव्‌ ।११। कपय्‌ । १२। शषसर्‌ ।१३। हल ।१४। इन्हीं १४ माहेश्वर सूत्रों से प्रत्याह्ार बनते हैं। इनकी संख्या कुल ४२ है। प्रकारादि क्रम से हम इन्हें नीचे लिख रहे हैं -- ः तकलनतहनान १ झ्रक्‌ ८ अझद १५ ऐच २२ जशू. २९६ भष्‌ ३६ रल रश्रचू .. ९इक १६ खयू.. र३झयू ३० मय. ३७ वल्‌ ३ श्र १० इचू १७ खर्‌ २४ झर्‌ ३१ यन्‌.. रे८ वद्यू ४ अझण्‌ ९१ इण १८ ड्मू.... २५झलू रेरयणु.... २४६ दार्‌ ५ शरण १२उक्‌. १९ चयू.. २६ झदू. रेदेयम्‌ ४० शल्‌ ६ श्रम. १३एक .. २०चर्‌ र७झघ्‌ . रेव्ययू ४१ हलू ७ भ्रलू १४ एच २१ छव २८ बढ ३५ यर्‌ २ हरा दपपयााल्यद जधयािडकिसिवसमललपविर्िद्रयाम्यवा्यलिकिि्र अवाललतकापवादगरिलॉलललादधडरंमककलदएपािन्ययायालकाकन्यफलपनददलकादडनफादपाददामयादकिदाशकिदरयाारताररकयिगडयदाहलाधकडक्यदडानिपकाकानवददनमपानयमददवपरादसातपदकनददपवेचिदनसकादविययलानिदयानदायनगदर हे एक दलोक के श्रतुसार उपर्युक्त १४ माहेश्वर सूत्र जिनके श्राघार पर ४२ प्रत्याहार बने हैं भगवान्‌ शंकर के द्वारा पाणिनि को प्राप्त हुए । प्रत्याहारों के ग्राघार पर पाणिनि श्रपने नियमों को संक्षेप में उपस्थित करने में पूर्ण सफल हुए ।




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