महाभारत भाग 4 | The Mahabharatha Bhag 4

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0. 3. 115 3. 3. 158 1. 3. 159 73 «50 « 81 8. 156, 48 ] महाभारते [ यक्षयुद्धपर्व पाटलान्कुटजाब्रम्यान्मन्दारेन्दीवरांसथा ॥ ४५... ! कह्लारेः कमलेबेव आचितानि समन्ततः ।॥ ४५९ हा 2 च्े च््े कुरेजलकुकरे हु -म पारिजातान्कोविदारान्देवदारुतरूंस्तथा । कदस्वैश्वक्रवाकेशर कटे? । के के के के चर पुवेह तल, एल है शालांस्तालांस्तमालांश्र प्रियालान्बकुलांस्तथा | कारण्डव! छुवेहसेबकमटठुमिरेव च । शाल्मली! किंशुकाशोका्शिशपांस्तरठांस्तथा।। ४६ । एतैश्रान्यैश्र कीर्णानि समन्ताजलचारिभिः ॥ ० चकोरे! झतपत्रेश्न भरूज्वराजेसथा झुकेः । ह्टेसथा तामरसरसासवमदालसे: | कोकिले? कलविज्ैश्व हारीतैजीवजीवके? ।। ४७ पद्मोदरच्युतरजः किल्नल्कारुणरज्ितै: ॥। ५१ प्रियब्रतेथातकैश्र तथान्पैर्विविधे! खगे! । मधुरखरेम धुकरेविरुतान्कमलाकरान्‌ | श्रोग्ररम्य सुमधुरं कूजद्धिशराप्यधिष्टितान्‌ ॥ ४८ पश्यन्तस्ते मनोरम्यान्गन्धमादनसालुषु ॥| ५ गान न सरांसि च विचित्राणि प्रसन्नसलिलानि च । ' तथेव पद्मपण्डेश्र मण्डितेषु समन्ततः । कुमुदे! पुण्डरीकेश्व तथा कोकनदोत्पढ़े: | ' शिखण्डिनीमिः सहिताइतामण्डपकेष च । न न ममीनसससलरसटटवटटपकससपटववपपपटपपससारय दया पयाायध सकल एबएसएएसएलएललटपए पिएं अलप-सपपररपसपरपपप एन. 4 ) ; सिह पा (3. 4 00. 46% (0. फ.1. 2, 4), नाग) कुमुदेः ). 105 पुंडरीकेश्च कुमुदेः. एए *) 1964 फूर्कारे (107 कहा). हि 071. 2 (866 0807) सतिछकान्‌ (० कोवि ). -- *) 1४ (5 (1 ०००.) चापि (६०7 चैव ). ५ 11) कलूहारेदी व रे: 51 प1. « देवदारूंस्तथा तरून्‌; 1४ 101. 2 (866 90076) को फुलेर. -- 1) $1 1. 0: स्वाचितानि; 81 19० झोसि ; विदारतरूंस्तथा ; 1. 4 196 107 104. 0 देवदारुदुमांस्तथा ; 006. | (4. आपी दारूस्तश्रेव च. -- 10६ ०00, 46%, (4 ५ए9प 3, 45% व 50 1५ (1 ०००. 80 (८१. ४.1. 38 . नर १) पाप 8 46%, -- १) 11 85 8 (प्५ 6५ 0, ) साला (1०+ द्ञाल ). | ( ७द०७00 191) कारदेबे”. 17 कारंडवेश्वक्रवाके:. -- 1, व 00, 7) 51 छ-8 101. ४ पिचुकाइँकु्चास्तथा ; 8 70० 700 108. ,. ०. | ठ0%. जा १) 1. 3 बकेरू (4०० छुकेरू). “न ४) 1. सवेर; पिप्पलान्डिंगुकां( 10० “निंगुदां | 00० 'र्हिंगुलां )स्तथा; एप 17. |. ५ ८ (01 ०70. ) स्वरेर्‌ (107 बकेर्‌ ). 108 (70828. ४८८. 20८. ) प्रियालान्सरां', -- 51 छा. 37०80 46% कि बे. -- पी) व मधुरस्वरे: ; 7५ 0 (५: ०00.) वल्गुमिरेव च. 51 ५. 3 01-58. 9८ शाल्मली- ४ 1 17 (05 दारमली: ; 10: 51 छु. (1 ०. 61 (6. परत, 88), -- ५9 ) 5: तामरसे- शाल्मछीन्‌; 012 दारमल्यः. . एए. 4 0« दिंशिपान; 173 सिंछि- रपाठसमदालसे: ; 7४. 3 101 तामरसैरसासवमदा ; 706 तामरस- पान 288 208. 4 शिंकषपाःद 2० 0स्‍प ५ 55. « शिंशुपानू; '. सारसैमंदलालसेः ; 709. 4 ताम++रसासवमदालसै: ; 106 तामरसा' 01 दौशिपान्‌; 70 शिंकिपा. 3 8 70 (6०७0६ 10) 0 रसासवमदा ; 105 ताम्ररसैः सारसैश्व मदा' ; 706 ( ५ 10810101- सरछांस्तथा. 1 दाब्मली किंशुकान्सवान्सनिंबानथ डिंशुपान्‌; एं०) मानससरोरसासवमदा' ; 'ए५ तामरसासस्वादमद लाउसे: ; (92 दाल्मली किशुकाशो कदिंशु पान्सरलांस्तथा ; 21 बाल्मली कि- 12 तामरसरसासवमदासवे:. झुकासजान्सर्बिबानथ दिंशपान्‌.. 32. हु का ठण, दध (लॉ. ते, 88), ना १) पहा- 47 हु. 5 ठ्णा, 4 (6, रह. 88 /+ “१ ) 14 पारा पि0 ! 51 हू... 4 88. 4 1० 0 128-6 मंजुस्बरेंर्‌ ; 5 छिप. 2 वते: दातपत्रैरं. -- *) 5. प्र. 8 01 009. 8 101. ह 2 प (9 (91 ०0०. ) मघुस्वरेर्‌ ; 101. 2 मंजुस्वने रू; 112 मघुरैः स्वरेर्‌ हारितैर्‌; 704 1 हरी. (107 मघुरस्वेरर्‌ 85 10 111 ०). नए १) पे (हि, ०0०, ) 46 4 (1 ००. 48 (लॉ. क1. 88), -- १) 5 प्रियसी' अपडयंस्ते (107 पइयन्तस्ते ). . 84. «0० 107 104. / नरब्याघ्रा घुसातकेश्र; 7. 2 प्रियशीघुचातकेश्व ; प5 102 सी घुकेश्वातके: ; (107 मनोरम्यान्‌). -- 52% 48% ०६०, ि ० 0० 1. 4. 6 कैश्चातकेश्रेव ; 103 'वार्मिश्चातकेश्व; 0८ 33 ऊु. 0 ००७, 58 (८, ४.1. 38 ) ; 103 000, विठाा 68% क बारिमिश्वको रेख, गए *) ४ 8 (61 ००.) द्विजे: (107 खरे: , प्फू 90 ' केषु 1 58% -- ०) पर 100 िए 101. 4-6 पद्मखंडेश्व ; कि 1-8 191-3 कूजद्धिश्ाव ( .. » बैन 1. 4 प्य) . हक 105 'खंडेघु; 12 (92. ३ वृक्षषंडेश्व; (4 बूक्षे+जश्व. -- * म घिष्टित॑; 0८ ' द्विश्व तथा. द्विजे: ; एप क्विश्वारचेष्टिते: ; 77; (2-3 उिब. 8 90 194. 6 मंडिताश्र (07 तेछ्ु 2» १९) पर 1 54 0. द्धिः श्रोन्र( 4 . द्विस्तत्र ; 14 जिश्चात्र)विष्टि:. 2 सहिता (107 सहितालँ ). गए *) 8 0 (6०60 101, 5, 2 न 29. ह. 6. 0००. 49 (०, 1. 88) १) पे (पथ . | 0 ०. ) (5४. छतामंडछ; 1५ मंद. -- 1० 0, 9.) सनोज्ञानि (10० विचि' ). -- *) 8. 4 एफ 104 ॥ सभी. | 58-65, नाग) डै। पपन७ 01.5. 5 'मदनाक हु *ग)लि- _. ताजछचारिसि: ( न 501). -- ९) & 87. ५ 85 कुसुम: (107 |. तान्‌; ५ 04 *मदे( 3: _ द)नाकुछिता, [820 ]




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