आधुनिक पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान | Aadhunik Pashupalan Avam Dugadh Vigyan
श्रेणी : विज्ञान / Science
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.51 MB
कुल पष्ठ :
294
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)इ्ध्याय- 2 राजस्थान की अर्थव्यवस्था सें पशुधन से प्राप्त पदार्थों का योगदान हरठाट ०६ &्राफाती छाण्ठप्ट5 दड हि0व8510 200. एट0110 015) भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन भ्राधिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है । देश के लगभग 5 लाख गांवों में लगभग £0 प्रतिशत जनगंख्या जिसके पास 90 प्रति- शग पथुधन है रहती है जिनमें से 80 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष या भ्त्यक्ष रूप से कृषि पर श्राधारित है 1 परयु-मानव को संतुलित माहार हो नहीं प्रदान करते है बल्कि कृषि कार्यों को करने के साथ-साथ बहुमूल्य जीवांश खाद देते हैं । धाधिक दूप्टि में राजस्थान एक पिछड़ा हुमा गरीव प्रदेश है जहां की काफी जनसरुपा कृषि तया इससे संबंधित ब्यवसायों से जीवन-पापत करनी हैं । यहां की शुष्क एवं घ्द्ध थुप्क जलवायु तथा. रेतीतो भूमि होने से कृषि पूर्णतया प्रकृति पर निर्भर है जिससे सफल कृषि नहीं हो जाती है भौर श्रधिकाँश लोग पथु पाते हैं जिससे विपम स्थिति में थे प्युमों से प्राप्त आय से बह श्रपना तथा परिवार का भरण-पोपण कर सकें 1 राज्य में विभिन्न प्रकार के 4 95 करोड़ पथु पाये जाते है । कुल राष्ट्रीय पाय का 7 प्रतिशत घन परधुषघन तथा इससे जुड़े व्यवसायों से प्राप्त होता है । राज्य का कोई ने कोई भाग ऑ्रकाल की विभीषका का सामना करता रहता है फिर भी राज्य की कुल ग्राय का 12 प्रतिशत भाग पु धन से मिलता है । श्रत बहू श्रत्यंत झावश्यक है कि सरकार पु धन विकास के लिये पर्याप्त साधन जुटाये । इसी लिये डुग्ब विकास पथु नस्ल सुधार शरीर रोगों को रोकथाम के लिये प्रापरेशन फलड योजना के श्रन्तगंत द्वितीय चरण में £6 करोड रपये को प्रावधान रखा है जिससे ग्रामीण क्षेत्र के 1 करोड़ 13 लाख पु पालक लाभारिवत होंगे 1 राज्य की अ्र्यव्यवस्था में पशुघन से प्राप्त पदार्थों से श्राय के योगदान का जानकारी मिस्न विदरण से मिलती है-- 1. दूध तय दुग्ध उत्पाद--गाय भस बकरी श्रादि से हमे दूध प्राप्त होता है जो स्वयं से पूर्ण आहार है । दूध से संबंधित भ्रप्नलिखित उद्योग चल रहें है -
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