हिंदी कहानियाँ | Hindi Kahaniya

Hindi Kahaniya by डॉ. कृष्ण लाल - Dr. Krishna Lal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१६ हिन्दी कहानियाँ कर दिया । इसके फलस्वरूप हमारे साहित्य संस्कृति धम समाज तर राजनीति इत्यादि सभी झेत्रों में एक झभूतपूर्व परिवतन दिखाई पड़ा । कहानी-साहित्य पर मी इसका प्रमाप पड़ा श्र उसमें भा झद्भुत परिवर्तन हुआ । परन्तु यह परिवतन सरइवीं-चोदहदवीं शताब्दी में मुसलमानों के श्रागमन से कहानी-साहिंत्य में जो परिवततन हुआ था उससे नितांत भिन्न था । श्राधुनिक काल में पाश्चात्य कथा-साहित्य तर परम्परा का भारतीय कथा-साहित्य श्रौर परम्परा से संपक हुश्रा दी नहीं श्रौर यदि हुद्मा भी तो बहुत कम क्योंकि अंगरेज़ों ने अपना साम्राज्य तो स्थापित श्वश्य किया परन्तु सुसलसानों को भाँति वे भारत में बसे नहीं श्र झ्रपने को भारतीय जनता से दूर ही रखते रहे । फिर भी पाश्चात्य साहित्य संस्कृति वेशानिक दृष्टिकोण श्रोर भौतिक विचार- घारा का भारतवासियों पर इतना अधिक प्रभाव पड़ा कि आधुनिक काल में जनता की रुचि विचार भावना श्रादर्श श्ौर दृष्टिकोण प्राचीन काल से एकदम भिन्न हो गया श्रीर इतना श्रधिक भिन्न हो गया कि प्राचीन कहानी को अब हम कहानी मानने के लिए भी प्रस्तुत नहीं होते । राजकुमारों श्रौर राजकुमारियों की प्रेंम-कथाएँ राजा-रानी की श्राश्चयंजनक बातें विक्रमादित्य की न्याय-कह्दानियाँ राजा भोज का विद्याव्यसन श्रौर दान की कथाएँ श्रब हमारा ससो- रंजन नहीं कर पातीं पुराणों की कथाएँ कण श्र दरघीचि का दान श्रजन श्र भीम की वीरता हमें कपोल-कलपना जान पड़ने लगीं । फल यहद हुआ कि बीसवीं शत्तान्दी के प्रारम्भ से कहानी की एक बिल- कुल नयी परम्परा चल निकली जिसे हम आधुनिक कहानी कहते हैं । प्राचीन और आधुनिक कहानियों का अन्तर जैसा कि ऊपर लिखा जा चुका है प्राचीन श्रौर आधुनिक कहानियों में मद्दान श्रन्तर है और इस श्न्तर का कारण उन्नीसवीं शताब्दी में पाश्चात्य संस्कृति और विंचारों के सम्पक से उत्पन्न एक नवीन जायति




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