वह जो मैंने देखा | Vah Jo Maine Dekha

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Vah Jo Maine Dekha by उदयशंकर भट्ट - Udayshankar Bhatt

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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वह जो मैंने देखा झपघेधयाएए सन दि दि और भी न जाने उसने क्‍या कहा हट मैं कुछ भी न बोला केवल उसके बालों को एक बार छूकर रद्द गया तर पिशी खट्खट करती उतर गईं । उसके पिता उसे लेने आए थे वद्द उनकी गोदी में चढ गई और धीरे-धीरे झ्रँखों से श्रोमल हो गई. । मुक्ते ऐसा मालूम हुआ जैसे उस लड़की से बहुत पुरानी मेरी जान-पहचान रही हो । मैं सोचने लगा ऐसी कौन सी बात है जिसने मुझे उसकी आर इतने बेग से आकष्ट किया है । क्यों मैं उसके साथ देर तक नहीं रह सका वह मेरी बोली नहीं समकती थी । मैं भी उसकी बात नहीं समकता था फिर भी दम दोनों थोडी देर के लिए. ही सद्दी एक दूसरे की श्रोर इतना क्यों खिंच गए क्‍या ब्रातचीत के बिना भी मनुष्य एक दूसरे के साथ रह सकता है ? उस समय तो नहीं श्राज पहचान सका हूँ यह अबुद्ध सेक्स का श्राकर्षण था । आदि काल से स्त्री श्र पुरुष ने भाषा के व्रिकास से पूर्व इसी तरह सकेतों चे्टाओं द्वारा एक दूसरे को समका होगा और एक दूसरे के श्रन्तरग में घुल-मिलकर जीवन को नए रस से नए सौन्दर्य से ्राह्मावित कर दिया होगा । सुक्ते श्रनुभव हो रहा है उस मूक सकेत में भी हमें बड़ा श्रानन्द मिल रहा था । एक दूसरे कौ बात न. समफकर वह मेरी ओर लिंचती चली झा रही थी और मैं उसके पास होता जा रहा था । मुक्ते याद है जब उसकी माँ ने सुफे सेव दिया तब मेरे केवल हाथ में लिए रहने पर उसने मेरे हाथ से छीनकर मेरे मुँह से लगा दिया था । मैंने भी शरारत के तौर पर अपने खाए सेब को उसके मुँह से लगा दिया श्र उसने बिना संकोच के उसे कुतर लिया । उसके बाद मेरी परिस्थिति बडी विकट हो गईं । मैं उसके जूठे सेब को किसी तरह नहीं खा सकता था न जाने क्यों मेरे मन में बडा सकोच या क्या हो रहा था यह मैं स्वय विश्लेषण न कर सका जब मैंने सेब न खाया तो उसने फिर उसी को हाथ में लेकर मेरे मुँह से लगा दिया । मैंने कुछ देर सिकककर वह सेव कुतर लिया । यह सब काम खिडकी से बाहर हो रहा था । माँ किताब पढने मे सम्न थीं । नहीं तो न जाने क्या होता । हम लोग एक दूसरे जाति समाज देश भाषा संस्कार सभी बातों में मिन्न थे । फिर भी मैंने देखा वह सुकसे दूर नहीं है श्रौर जाते समय जब उसकी माँ ने मेरे गाल छूकर विदा ली तब तो मुझे मालूम हुआ जैसे मेरा ही संबंधी विदा ले रद्दा दो । उसके जाने के बाद भी मैं उसी ओर




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