अनेकता में | एकताAnekataa Me Ekataa

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एकताAnekataa Me Ekataa by परशुराम प्रसाद - Parashuram Prasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भौगोलिक एकता की कहानी , न श्रासेतु दिमांचल ' जद शुक्िया के मानचित्र पर इष्टि डालिए । महान हिमालय पर्वत से दक्षिस टेढ़ा-मेढ़ा चार भुजावाला भारतवर्ष फ़ेला. दिखाई यड़ेगा । “चतुःसंस्थान संस्थितमु” का उल्लेख ,प्राचीव भौभोलिकों ने भी किया है । पश्चिम मैं सुलेमान शभ्ौर किरधार की पवत- श्र शियाँ इस प्रायद्वीप को ईरान कीं ऊंची भरुमि से श्रलग करती हैं। पूर्व में झ्रासाम की पदकोई और . लुद्ाई तथा चरटगाँवर की . पहाड़ियों ने इसे इराबदी की .जंगली घाटी से विभक्त कर दिया हैं 1 दक्षिण में वीन ओर से वंग, भ्रब और हिन्द महासागर इसे घेरे कि दर क न कक कम पे के कर हर कि ँीक थक दा की,




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