भारतवर्ष का भूगोल | Bharatvars Ka Bhugol

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Bharatvars Ka Bhugol by प्रकाश चन्द अग्रवाल - Prakash Chand Agarwal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ६ ) कम है। इसका कारण रचाई है । देखिये ८०० की तापरेखा ने कितना मोड़ खाया दै। इसका कारण समुद्र की निकटता है । पश्चिम की ओर समुद्रतटीय सैदान में समुद्री हबाएं वर्षा करती हैं ब्औौर तापसान कम कर. देती हें (हवाओं के विषय में आप झागे पढ़ेंगे) परन्तु मद्रास के तट पर तापसान आंधक है । इसका कारण यदद है कि यहाँ दवाएँ समुद्र की ओर से न आकर पश्चिम से भूमि की ओर से आती हैं और सूखी होती हैं । देखिये न्रह्मा के चीचो- बीच से सी एक हिस्सा झधिक गरम है। यह भाग पहाड़ों से घिरा होने के कारण समुद्र के प्रभाव से वंचित रहता है जनवरी में दशा--जनवरी के मद्दीने में सूये मकर रेखा पर कप पा |!) 1 (0 ही 7] पं 111 | । थी ही] । नडू--उ-अ॥। दि कक | पद 2. 1 कि न सैहध०्घर उठ बब्पच्न्य्ड भारतवर्ष---जनवरी का तापक्रम




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