मराठों का उत्थान और पतन | Marathon Ka Utthan Aur Patan

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Book Image : मराठों का उत्थान और पतन  - Marathon Ka Utthan Aur Patan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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महाराष्ट्र के इतिहास का मंदल्द बिलकुल एक-सी परिस्थिति इतिहास में दो बार सिलना प्राय; सम्भव हैं । ऐतिहासिक परिस्थितियों में थोड़ी-बहुत समानता हो सकती है, पर पूरी एकता कभी नहीं ।. इस कारण हमारे ऐतिहासिक सिद्धान्त प्रयोगात्मक शास्त्रों की भाँ ति अटल नहीं हो सकते, उनसें थोड़ा-वहुत परिवत्तन हो सकता है । कभी-कभी परिस्थिति, कारण और परिणाम का ज्ञान थी इतिहास में पूरणु- तया ठीक नहीं रहता । इस कारण सिद्धान्तों की सस्यता थोड़ी और कम हो जाती है। पर इतने दोष रहने पर भी इतिहास का लाभ वड़ा सारी है। इसके सिदाय जब कोई दूसरी अज्लुभव- शाला है नहीं, तव॒ इसका उत्तम उपयोग कर लेना अत्यन्त घ्यावश्यक है. । ऊपर वताये लाभ से मिलता-जुलता एक लाभ और है । कार्यों से जिस प्रकार किसी की मनःप्रवृत्ति मालूम हो जाती हे इतिहास से समाज की. जीर इसके लिए जिस श्रकार उसके मनःपदुत्ति का ज्ञान... कार्यों की आलोचना करनी पड़ती है, होता है उसी प्रकार समाज की मन:प्रवृत्ति जानने के लिए समाज के कार्यों की आलोचना करनी पड़ती है । कोई कार्य होने के पहले. मन में उसकी भावनायें उठती हैं, फिर तदचुसार कार्य होता है । हमारे कार्य हमारी भावनाओं के वहिःपरिणाम हैं । इस प्रकार कार्यों से भावनाओं का ज्ञान होता है । इसी प्रकार किसी के मन को हम जानते हैं । यही वात राष्ट्र के मन के विपय में चरिताथ होती है। एक इृष्ट से देखा जाय तो इतिहास मनःप्रवृत्तियों का वहिःस्वरूप दी है




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