उर्दू और उनके साहित्य | Urdu Aur Unka Sahitya

Urdu Aur Unka Sahitya by गोपीनाथ "अमन" - Gopinath "Aman"

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भाषा का जन्म शु७ इन्होंने शुजराती के, इस प्रकार शुजरात में भी एक सवीन भाषा जनमी उद से जिसका झ्धिक निकट का सम्बन्ध है । उू के श्रेष्ठ कवि “वली* के सम्बन्ध में भी यह कहा जाता है कि वह गुजराती था श्रौर उसका जन्म अहमदाबाद में हुआ था | मुहम्मद तुगलक़ की मृत्यु के कुछ वर्ष पश्चात्‌ ठग़लकों का प्रभाव कम होने लगा श्रौर जिस प्रकार एक शासन के दुर्घल हो जाने पर विद्रोही नये- नये राज्य बना लेते हैं ऐसा दक्षिण में भी हुआ । नफ़रखों ठुगलक़्राज्य का एक उच्च पदाधिकारी था, जिसको दक्षिण में नियुक्त किया गया था । उसने विद्रोह करके दक्षिण में एक श्रलग राज्य स्थापित कर लिया, जो पद्दमनी” राज्य कहा जाने लगा । इस बहमनी शब्द के वारे में भी मतमेद' हैं । कोई तो कहता है. कि यह “ब्राह्मण” शब्द का झपभंश हैं श्र किसी- किसी का विचार है कि “दमन जो फ़ारसी शब्द है उसीसे यह 'बहमनी” बना । जो कुछ भी हो, इस जफ़रखोँ ने श्रपना नाम श्रलाउद्दीन हसन गंगो वहमनी रख लिया । यह भी हो सकता है कि उसने जान-वूभकर दथर्थक शब्द चहमनी रखा हो, क्योंकि बचपन से उसको गंगो नामी एक ब्राह्मण ने पाला- पोसा था । राज्य स्थापित करने पर इसी गंगो को उसने श्रपना मन्त्री बनाया | राजा श्र मन्त्री को एक दूसरे की मापा के शब्दों का प्रयोग करना ही पड़ता था। इन दोनों ने यह भी सोचा कि स्थानीय भाषाओं में श्ररवी- फ़ारसी के शब्दों को जोड़कर एक नई भाषा बनाई जाय जिससे कि शासन का कार्य चले । उनकी राज्य-भाषा में मराठी, तैलुण, कननड़ श्र श्ररवी- फ़ारसी के शब्द मिले-जुले ये। पहले इस भाषा को. 'हिन्दुवी” कहते थे, शने-शनै: उसका नाम “हिन्दी” हो गया श्र कुछ समय के बाद उसे 'दक्षिणी” भी कहा जाने लगा । इसी प्रकार जैंसे उत्तर में एक नूतन भाषा का जन्म दो रहा था देखे ही दक्षिु सें भी एक नवीन भाषा चन रही थी, परन्तु वह अभी साहित्यिक मापा नहीं वनी थी । यहीं हमें इस प्रश्न का भी उत्तर मिल जाता है कि जव झार्य मापाशों में लिज्ञ-मेद से क्रियाओं का रूपान्तर नहीं होता तो फिर खड़ी वोली हिन्दी श्रौर उदूं में क्यों होता है ?




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