ध्यान से आत्म चिकित्सा | Dhyan Se Aatm Chikitsa

Dhyan Se Aatm Chikitsa by स्वामी विवेकानन्द - Swami Vivekanand

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( है सहायता मिलेगी। स्मरण रक्‍्खो कि इस बीच तुम्हारा स्वास्थ्य सुधरता जायगा | ४-तम्हें झपने मन में निश्चय होना चाहिए कि मुझे चाहे. कोई ही रोग द्यों न हो, मैं छाचश्य नीरोग होने जा रहा हूँ क्यों कि प्रकृतितः झारोग्य मुझमें निहित है। जल्दी में कोई काम न करो । पूरा समय लो | उद्देग रहित श्रौर शांत होकर काम करो। श्रपने घिचायें को श्रच्छी तरह चश में रक्खो । झपनी शक्तियों को इस तथ्य पर पकाश्र करो कि चस्तुतः में श्रच्छा हू श्रोर तुम्हें शीघ्र श्रट्धुमव होगा कि मैं झच्छा हूँ । यह श्ाचश्यक है कि जो कुछ भी किया जाय सच्ची दढ़ता श्र लगन से किया जाय, सावधानी से नहीं किंतु हार्दिक श्रद्धा से श्ौर इस छाटल विश्वास के साथ कि आत्मा और शरीर का परम वैद्य तुम्हारे भीतर काम कर रहा है, तुन्दारे सब येगों को चट्ठा कर .रदो है और समस्त उपद्रवों को शांत कर रहा है ।




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