क़ज़ा | Qaza

Qaza by कुलवंत सिंह - Kulwant Singh

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

कुलवंत सिंह - Kulwant Singh

जन्म : 11 जनवरी, रुडकी, उत्तराखंड

प्राध्यमिक शिक्षा : सरस्वती शिशु शिक्षा मंदिर करनैलगंज गोंडा (उ.प्र.)

हाईकल / इंटरमीडिएट : ब्राम्हण संस्कृत विद्यालय, रुडकी

उच्च शिक्षा : बी टेक, आई. आई .टी. , रुडकी (रज़त पदक एवं 3 अन्य पदक)

पी एच डी : मुंबई युनिवर्सिटी

रचनाएं प्रकाशित : साहित्यिक पत्रिकाओं, परमाणु ऊर्जा विभाग, राजभाषा विभाग, केंद्र सरकार की गृह पत्रिकाओं, वैज्ञानिक, विज्ञान, आविष्कार,
अंतरजाल पत्रिकाओं में साहित्यिक एवं वैज्ञानिक रचनाएँ ।

पुस्तकें :
1- परमाणु एवं विकास (अनुवाद)
2. - विज्ञान प्रश्न मंच
3 - कण क्षेपण (विज्ञान) अप्रकाशित

काव्य पुस्तकें :
1 - निकुंज (काव्य अंग्रह)
2 - शही

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बंदा था मैं खुदा का, आदिम मुझे बनाया, इंसानियत ने मेरी मुजरिम मुझे बनाया । माँगी सदा दुआ है, दुश्मन को भी खुशी दे, हैवानियत दिखा के ज़ालिम मुझे बनाया । दिल में जिसे बसाया, की प्यार से ही सेवा, झाँका जो उसके अंदर, खादिम मुझे बनाया । है शर्मनाक हरकत अपनों से की जो उसने, कैसे बयां करूँ मैं, नादिम मुझे बनाया । रब ने मुझे सिखाया सबको गले लगाना, सच को सदा जिताऊँ हातिम मुझे बनाया । नादिम = शर्मसार




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