मनोकामना क्षेत्र - पाताल भुवनेश्वर | Manokamna Kshtera Paatal Bhuvneshar

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.2 MB
कुल पष्ठ :
22
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

नाम - डॉ0 करुणा शंकर दुबे
वर्तमान पद - सहायक निदेशक,आकाशवाणी,भारतीय प्रसारण सेवा (कार्यक्रम)एवं केन्द्राध्यक्ष आकाशवाणी ,अल्मोड़ा।
पिता का नाम - स्व0 पं0 कीर्ति शंकर दुबे
माता का नाम - स्व0 शशि प्रभा दुबे
पत्नी–श्रीमती गीता दुबे
जन्म
|
- 14 जून 1958
शिक्षा
- प्रारम्भिक शिक्षा -नगर पालिका प्राथमिक विद्यालय, पक्की
बाजार(अर्दली बाजार) वाराणसी ।
उच्च शिक्षा –काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी
- एम0 ए0 संस्कृत कला संकाय (काoहि0वि0वि0) - पी0 एच0 डी0, कला संकाय (काOहि0वि0वि0) - आचार्य पालि ,सम्पूर्णानन्दन संस्कृत विश्वविद्यालयऔर बौद्ध शब्द कोष का अध्ययन कार्य हेतु।
भूमण्डल(वाराणसी) - पाक्षिक हिन्दी के
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मनोकामना क्षेत्र : पाताल भुवनेश्वर
पर्यटक-डॉ० करुणा शंकर दुबे
उत्तराखण्ड कुमाऊं मंडल के प्रसिद्ध नगर अल्मोड़ा जनपद के रामगंगा और सरयू नदी के मध्य लगभग एक हजार तीन सौ पचास मीटर की ऊंचाई पर स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा शिव मंदिर है। यहाँ देवदार के घने वनों के बीच से चितई स्थित गोलज्यू देव मन्दिर मार्ग से आकाशवाणी की टीम के साथ मुझे जाने का सौभाग्य मिला , जब यात्रा का आरम्भ किया तो चितई मंदिर से आगे यह रास्ता धौली देवी गरुड़ाबाज़ स्थित 1950 मीटर की ऊंचाई पार करते हुए , बाडेछीना के रास्ते से कहीं खाई,कहीं घाटी और कहीं दोनां ओर खड़े ऊँचे पहाड़ अपनेआप में डरावने से कम नहीं थे,आगे बढ़ते हुए घोर भूस्खलन क्षेत्र शेराघाट पुल पार करके 160 किलोमीटर आगे बढ़ आये थे , यह घनघोर बादलों का क्षेत्र है , बेरीनाग का नजदीकी क्षेत्र पहाड़ीवादियों के बीच बसे सीमान्त कस्बे राईआगर तिराहे से गंगोलीहाट के दाहिने गुप्तड़ी से घूमकर मेजर समीर द्वार से गन्तव्य मंदिर पहुंच सके । इसके मुख्य द्वार पर एक ओर वृद्ध पाताल भुवनेश्वर मंदिर का विवरण है और डाकघर की सूचना भी है।
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