प्राकृत - प्रकाश: | Praakrit Prakaash

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Praakrit Prakaash by श्रीवसंत कुमार - Srivasant Kumar

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खश यक । 3 “कूड ळीत खेथट्याशिडी | (य सूट शड मखनीत डाकूमकान ७ शेट्वसगीत्र कल मिन पिन नूऊन नूऊन जशा बॉविकझ इडेटडट्छ्ठ, नूखद्ीग्र डॉंजशामन, निनॉनिि, ट्थडिठी- शमन अडूजित खेळवत इडेट्डटछ, डेझिडटॉट्मत झ्यड्-मलिन शंळ खेज्छल शठेट उ, डासॉजा्यत़ '७४जग '७ जपन व़छ (नाकांत विवगीजूऊ इडर, मूजागा्व (मोकया दंड: कावा, नॉऐिक, झेशेछामॉनि डि नड गूटना विळगेऊ इहेट्डदछ, (म यूटश्व़ भिक्िऊ मगत निक त्थाकुडऊ सा ७ माश्‍्टिडाव उकशीलट्नव ्थट्य़ांअनोग्रडा वूवहेय़ा मिवाच़ वश्कडा नाठे वननिट्न8 (वध इग़्र झजाझि इग्र ना । त्थाकूऊ झाया ना खॉमिट्न कि अबूडटडव जाटल[एन, कि डोबाउऊट्डव़ खन्नीलन, कि कोवावत्मव घ(खप्न किछ्ूडे क्नंज्कटश इडेट्ऊ श्व ना । डीटेभूर्क नकम भडांकी इडेटऊ जोप तंग शंडापौ शाळू शकत शंऊ दरमा्य़व डॉत़टऊडिड[म थन-झक्ककावातृड। (म कटनेव़ मोगा[जिक त्यशा, ब्रा[बटेनडिक वळा, सावर वावडाय़, सोडि नौडि, वाणकौर्धि, (नांककी्डि, कविढोर्डि, विष्णळी, शर्षष्की, ममवळ श॑ ठडि थिसटय़ उाश्मकान कव्रिटरे इडेटन म्ही नू शाम स्थीकूड अबर- ७नित् छेक्षांत ७ स्थावर कांड व्थम़ांजनीग्र इटा । ्ॉकुफ जास ड[वट्ऊ् जांधूनिक झाया नमूष्य़ अननो । झउवा१ ऊझोसाडप्डव़ जट्लॉन! कव्िटिऊ इहेटन काडव ळान यका आवश्क । जात झायांउट्डय टनएन| न| कविग्ना|हे यक (कह झाॉब्रट्डऩ ांधूनिक झगा अनि गिथिट्ड




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