शुक्र का परागमन - 6 जून 2012 | TRANSIT OF VENUS -6 JUNE 2012

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नीरुज मोहन - NIRUJ MOHAN

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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3 खगोलीय इकाई (&.0.) माना जाता हे| खगोलीय इकाई से न केवल सौर मण्डल में स्थित खगोलीय पिण्डों की दूरी नापते हें वरन्‌ ब्रह्माण्ड के अन्य पिण्डों क॑ बीच की दूरी को भी इसी इकाई में नापते है। एक खगोलीय इकाई का मान 149.59 मिलियन किलोमीटर है। यह खगोलीय इकाई ब्रह्माण्ड को मापने का एक मानक मानदंड या पैमाना बन गई है एडमंड हेली ने सर्वप्रथम बताया कि पारगमन की घटना का उपयोग पृथ्वी से सूर्य की दूरी मापने में किया जा सकता है। केप्लर के ग्रहीय गति क॑ नियमों की सहायता से ग्रहों की सापेक्ष दूरी तो जानी जा सकती है किन्तु उसकी सदटीक दूरी का ज्ञान सम्भव नहीं हे। एडमंड हेली द्वारा बताई गई विधि क॑ अनुसार पृथ्वी क॑ विभिन्न स्थानों से पारगमन घटित होने क॑ समय का मापन कर और ज्यामिति का उपयोग करके पृथ्वी से सूर्य की सही-सही दूरी मापी जा सकती हे | आज तो अपेक्षाकृत अधिक परिष्कृत विधियाँ उपलब्ध हें पर 18वीं और 19वीं सदी में शुक्र क॑ पारगमन क॑ समय सावधानी से किये गये प्रेक्षणों से पृथ्वी से सूर्य की जो दूरी ज्ञात की गई उसमें और आज स्वीकार्य दूरी में एक प्रतिशत से भी कम अन्तर है। शुक्र क॑ पारगमन को कसे देखें ? 6 जून 2012 को शुक्र का पारगमन भारतीय समय क॑ अनुसार प्रातःकाल 3 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 10 बजे समाप्त होगा | चूंकि भारत में सूर्योदय 6 बजे क॑ आस पास होगा अतः पारगमन का प्रारम्भ हमें नहीं दिखेगा।| सूर्योदय क॑ समय से सुबह 10 बजे तक पारगमन को देखा जा सकता है। पारगमन देखने का सबसे सुरक्षित तरीका हे उसके प्रतिबिम्ब को देखना । प्रतिबिम्ब प्राप्त करने क॑ लिये पिन होल या दूरदर्शी का उपयोग चित्र में दिखाये अनुसार किया जा सकता है | दूरदर्शी की नेत्रिका क॑ पीछे एक उचित आकार के बाक्स को रखिये फिर दूरदर्शी क॑ माध्यम से इस बाक्स के अन्दर सूर्य का एक स्पष्ट प्रतिबिम्ब प्राप्त करें। इस प्रतिबिम्ब में शुक्र एक काले बिन्दु क॑ रूप में धीरे-धीरे चलते हुए दिखेगा | (4-८ /1९_ प्लास्टिक बॉल और साधारण दर्पण की सहायता से शक्तिशाली सोलर प्रोजेक्टर बनाया जा सकता हेै। इस सोलर प्रोजेक्टर की सहायता से किसी कमरे क॑ भीतर सूर्य का प्रतिबिम्ब प्राप्त करें। इस प्रतिबिम्ब में शुक्र ग्रह एक काले बिन्दु क॑ रूप में चलते हुए दिखेगा। आगे हम सोलर प्रोजेक्टर बनाना सीखेंगे | आजकल अच्छे सोलर फिल्टर उपलब्ध है| इन सोलर फिल्टर की सहायता से सीधे सूर्य की ओर देखने से शुक्र का पारगमन देखा जा सकता है। इन फिल्टर से देखने पर भी शुक्र, सूर्य की चकती पर एक काली बिन्दी की तरह दिखता है, किसी आवर्धन की आवश्यकता नहीं होती। सोलर फिल्टर की सहायता से सूर्य की ओर लगातार एक मिनट से अधिक देर तक न देखें। यहां सावधान किया जाता हे कि नंगी ऑँखों से सूर्य की ओर देखना हानिकारक है। प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक गैलेलियो की ऑँखें सूर्य के अध्ययन में ही खराब हुई थीं। आप ऐसी गलती न करें। कमरा क॑ लेन्स क॑ सामने सोलर फिल्टर रखकर पारगमन का फोटोग्राफ भी लिया जा सकता है | खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों क॑ लिये पारगमन की घटना के दौरान शुक्र ग्रह क॑ सूर्य की चकती क॑ भीतर प्रवेश तथा निर्गमन की प्रक्रिया क॑ दौरान होने वाले बाहय और आन्तरिक सम्पर्का क॑ समय का अवलोकन एक रोमांचक अनुभव होगा। जिस समय शुक्र की चकती प्रथम बार सूर्य की चकती को स्पर्श करती है तो उसको प्रथम सम्पक, तथा, जब शुक्र की चकती सूर्य की चकती के ठीक भीतर हो तो द्वितीय सम्पर्क कहलाता है।




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