जैन - एक धर्म या विचार | Jain - Ek Dharm Ya Vichar

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इक्कीसवीं सदी में जन्मे मेरे बच्चे को जैन धर्म की बेसिक जानकारी के अलावा ज्यादा मालूम नहीं था और इसमे दोष उनका नहीं था क्योंकि स्कुल और कालेज की थका देनें वालीं पड़ाई में समय कब चला जाता है पता ही नहीं चला और फिर रेंक में आने की होड़ एक एसी रेस जिसका कोई अंत नहीं, किन्तु सिर्फ घर परिवार के संस्कार और संस्कृति ने इन्हें परिवार और धर्म से से जोड़ कर जरूर रखा है | इस बार लाक डाउन में पूरा समय परिवार के साथ बिताने का सौभाग्य मिला और बच्चों के साथ बातचीत में मुझे लगा कि इन्हें अपने धर्म के बारे में वो बाते जरूर मालूम होना चाहिए जिससे ये जीवन मे अपने धर्म और सिध्दांतों पर गर्व महसुस कर सके | मैंने उन्हें धर्म की अच्छी किताबे पढने के लिए दी किन्तु बच्चो की अंग्रेजी भाषा की शिक्षा व्यवस्था ने महान संतो की उच्चस्तरीय हिन्दी और प्राकृत भाषा की किताबे को पड़ने में वो मन नहीं लगा पा रहे थे | अब इसका हल मुझे ही निकालना था तो मैंने सोचा इन्हें जैन धर्म और हमारा धर्म जीवन परिवर्तन मे कैसे सहायक हो सके इस बारे मे सरल शब्दो में स्वयं ही लिखू | यह मेरा प्रथम प्रयास हैं, आशा करता हू आप सभी को और विशेष कर बच्चों को अपने धर्म के बारे मे जानकर गर्व महसूस जरूर होगा | विकास जैन




User Reviews

  • roshika jain

    at 2020-10-19 11:38:11
    Rated : 9 out of 10 stars.
    "Best Book to know about Jainism"
    Hi Author, The book is really nice and made my concepts clear about Jainism. The younger generation never got a chance to know much about how much privileged we are to be a part of this culture.
  • Vikas Jain

    at 2020-10-18 07:48:25
    Rated : 9 out of 10 stars.
    इक्कीसवीं सदी में जन्मे मेरे बच्चे को जैन धर्म की बेसिक जानकारी के अलावा ज्यादा मालूम नहीं था और इसमे दोष उनका नहीं था क्योंकि स्कुल और कालेज की थका देनें वालीं पड़ाई में समय कब चला जाता है पता ही नहीं चला और फिर रेंक में आने की होड़ एक एसी रेस जिसका कोई अंत नहीं, किन्तु सिर्फ घर परिवार के संस्कार और संस्कृति ने इन्हें परिवार और धर्म से से जोड़ कर जरूर रखा है | इस बार लाक डाउन में पूरा समय परिवार के साथ बिताने का सौभाग्य मिला और बच्चों के साथ बातचीत में मुझे लगा कि इन्हें अपने धर्म के बारे में वो बाते जरूर मालूम होना चाहिए जिससे ये जीवन मे अपने धर्म और सिध्दांतों पर गर्व महसुस कर सके | मैंने उन्हें धर्म की अच्छी किताबे पढने के लिए दी किन्तु बच्चो की अंग्रेजी भाषा की शिक्षा व्यवस्था ने महान संतो की उच्चस्तरीय हिन्दी और प्राकृत भाषा की किताबे को पड़ने में वो मन नहीं लगा पा रहे थे | अब इसका हल मुझे ही निकालना था तो मैंने सोचा इन्हें जैन धर्म और हमारा धर्म जीवन परिवर्तन मे कैसे सहायक हो सके इस बारे मे सरल शब्दो में स्वयं ही लिखू | यह मेरा प्रथम प्रयास हैं, आशा करता हू आप सभी को और विशेष कर बच्चों को अपने धर्म के बारे मे जानकर गर्व महसूस जरूर होगा | विकास जैन
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