स्वास्थय विज्ञान | Svaasthya Vijnj-aan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.28 MB
कुल पष्ठ :
66
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ११ )
३-भोजन
जो भोजन आजकल प्रचलित है, वह ३ भागों में बाँटा
जा सकता है। १ फलाहार, ० अन्नाहार ३ मांसाहार,; फलाहार
सब से श्रंप्र है । सनुप्य के शरीर की बनाकैट सब जानवरों
की अपेक्षा बन्दर से अधिक मिलती है जिस प्रकार के हाथ
पर मुख नाक आँख झादि सब अज्र चन्दर के होते हैं उसी
प्रकार के सब्र अड्ठ मतुष्य के भी डोते हैं, अन्तर केवल पूछ का;
है जिस पशु का जो आहार है उसके दांत भी उसी आहार के
अनुसार ईश्वर ने दिये हैं (बनाये हैं) शेर आदि हिंसक जन्तुआओं
के कुछ दांत नोकीले होते हैं इसलिये उनका स्वाभाविक
भोजन मांस है मनुष्य के दांत ऐसे नहीं होते, उसके दांत बन्दर
जैसे ही होते हैं अब सोचने की वात यह है कि बन्दर का
वास्तविक आद्ार क्या है ?
बन्दर की स्त्री बन्दर के लिये रोटी दाल चावल पूरी कचोरी
नहीं बनाती; वे स्त्री पुरुप सेव जज्ल में फिरते हुए ब्रक्षों में
निवास करते हैं और उन्हीं के फल ख़ाकर ऐसे स्वस्थ रहते हैं
कि कभी बीमार नहीं पड़ते । अतः इससे यही सिद्ध होता है कि
मनुष्य का स्वाभाविक आहार फल है
मनुष्य को छोड़कर प्रकृति देवी की गोद में बेठकर
पिचरने बाले अन्य पशु पक्षियों की तरफ देखिये, वह केसे
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