हिंदुस्तान का स्वतंत्रता संघर्ष | Hindustan Ka Swantantray Sangharsh
श्रेणी : भारत / India
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
25.64 MB
कुल पष्ठ :
72
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पंडित शिव प्रसाद त्रिपाठी जिनको बनारस में ज्ञानाचार्य जी के नाम से जाना जाता है ; बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत कालेज के प्रथम डीन रहे थे |
उनकी पुत्री शारदा देवी के पुत्र श्री गणेश शंकर मिश्र एक तबला वादक हैं और विश्व के सबसे बड़े तबले का निर्माण उन्होंने शिव प्रसाद जी के घर पर ही किया था | पंडित जी के दामाद स्वर्गीय रमाकांत मिश्र जी एक सितार वादक थे और नातिन स्वर्गीय मंगला तिवारी एक गायिका थीं |
गणेश शंकर मिश्र के पुत्र भी एक गायक हैं और वर्तमान में मुंबई और पुणे में स्टेज शोज के माध्यम से गायिकी का प्रदर्शन करते हैं |
त्रिपाठी जी का परिवार संगीत की कला का धनी है |
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १४
लुगखां-इससे लूटका सारा माल छीनलों और इसको नंगा...
करके इसके मुहपर कालिख पोतदों । कल इसको गधेपर चढ़ा.
कर दिल्ली बादशाह सलामतके पास मेजाजाएगा |
मीरसुदम्मद-इसका फैसला मेरी तलवार करेगी | आश्यो |.
उलूगखाँ और लुसरतखां पर हमला करताहै, दोनों आहत
होकर मागनिकलतेहें ।
मलिक इज्जुदीन-लुसरतखांपर हमला करनेवाले मीर | मैं.
तेरी जबान उख्ाड़े बौंर न छोड़ंगा आं
(शक्रमणा कर ताहै )
मीरमुद्दम्मद--सुसरत घाँके बदले झाज तेरीही गरदन एंड्ाता
्द्।
(आक्रमण, करता है मलिक इज्जुदीन माथल होकर गिरजाएँ हैं
फ़िकमुहम्मद मीर मुहम्मदपर पीछेने आकमण करताहूँ | मीर
मुहम्मद सुड़कर उसके पेरमें खड्ड घुसेड़दैता है
मीरमुदम्मद-तह! मैंने यह क्या करदिया ? रुस्समें झाकर
.. बादशाइक भानजे रफीकमुददम्मद् ओर सिपहसालार नुसरतखा ..
क॑ भाई मलिक इजजुददीनका कतल करदिया । अब क्या होगा ?
(नजरुलको गोरमें लेकर नूर जहांका प्रवेश,
नूरजहां-मीर ! मीर ! हमार खेमपर सुसरतखाने हमलों ही
...... करदियाहै | हमारा सब माल लूटलियाहि,. . और खेमेंपर आग
. लगादीहै। जालिमने “चिरागकों. कंतल करदियाहै । मैं बड़ी
मुशकिलसे नजरुलको . लेकर भागंझाइहूँ । चलना » चला. जान .
. बचाकर दिदली भागचतल्तो |
मीरमुद्दम्मद- चिरागका कतल करदिया | तोबा, ताजा |
दिल्ली जानेसे हमारी जाने न बचेगी | बादशाहका भानजा.
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