गणित भूषण | Ganit Bhushan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Ganit Bhushan by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
[ १८ 1 शि० १९५ से छोटी कोई राशि इन तीनों पर म्दीं बट सं! 1 इसी प्रहार दो घार उदादरण देकर बताओो कि चघद्द छोटी से छोटी शाशो जो शन्य दो था झधि इ शशियों पर पूरी थट सक्तो दे झन्य राशियों का लघुत्तम समाप- चत्य कदलाती दे । दालक मी इसका अनुकरण करके: परिमापा को दुद्राय । दो राशियों के: उपधुत्तम समापवर्त्य निकालने की रीति । दी हुई दो राशियों के शुणन फाज्र को उनके मददत्तम समापचतंक पर भाग दो यद्द भाग फल उनका खघुलतम समापचघत्य दोगा । उदा० ४० और ७२ का ठ० स०्झ० निकाली | परचम इनका म०स०स० निकाला तो ८ निकऊा ४०_| ७२६१ ७२ दी स्ल्थ्ढाए्‌ दूर | ४० (है < | इटट० [३६० - -र४ ८ डर ४ न्द डर छट इसलिये ४० गौर ७र का ल०्स०म० ३६० निकछा।. के उरं +




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now