गणित कक्षा 9 | Ganit Kakhsa 9

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Ganit Kakhsa 9 by नरेन्द्र मिश्रा - Narendra Mishraराम अवतार - Ram Avtar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गणित दे दर पदों में अ इस भाँति पं न्रदिड क्योंकि पर के दशमलव प्रसार का (परिमभित पदों में) अंत 6 हो जाता है अतः प्र के दशमलव रूप को हम सांत (छाए 2002) कहते हैं। इसी प्रकार दे व 375 हा 9548 आदि 05 थ14 द्व णण35 दूद्ध १2 ष््जे । पा ऐसी परिमेय संख्याएँ हैं जिन्हें सांत दशमलव के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। आइए अब पं को दशमलव रूप में व्यक्त करें । हम देखते हैं कि 26)331 2692307... 26 न्0 52 १80 हि 156 240 234 ढ्0 52 8० 78 00 182 0 के ऊपर के विभाजन में स्थितियों तथा ४ पर ध्यान दीजिए। स्थिति ४ में शेषफल वही है जो स्थिति & में है। अत जब 26 से भाग देने की क्रिया को ४ से आगे बढ़ाएँगे तो भागफल में अंकसमूह 6 9 2 3 0 7 की पुनरावृत्ति होगी। इस प्रकार 33 दा 1-2692307 692307... इस दशा में विभाजन अनवसानी है। अतः ऐसे दशमलव प्रसारों को अनवसानी आवर्ती (एणा-लिए0808 १6068) या अनवसानी पुनरावर्ती (िाणा-नंटाधपााघातााछ क८०प्राएप0छू ) कहते हैं। अभी तक हमने जो परिमेय संख्याएँ देखीं उनके दशमलब प्रसार या तो सांत




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