भारतीय दर्शन का इतिहास भाग - १ | Bhartiya Darshan Ka Itihas Part-i
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22.35 MB
कुल पष्ठ :
466
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन - Dr. Sarvpalli Radhakrishnan
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ४३
6 चरक त्पाय-सूत्र और वैशेपिक सूत्र सर 2817
7 वेशेपिक गौर न्याय साहित्य हर ग भर 291
8 न्याय और बैशेपिक दर्शन के मुख्य सिद्धान्त , स 295
९६८ पद पदार्थ-द्रव्य, गुण, कम; सामान्य, विशेष, समवाय , हर 299
10. कारणषाद सिद्धान्त कसम, 305
11 प्रलय गौर सृष्टि के २ तन 308
12' ईपवर के अस्तित्व का प्रमाण । +. नर / 310
13 न्याय वैशेषिक का भौतिकशास्त्त भस्म 311
14 ज्ञात का मूल (प्रमाण) मम 315
5 स्याय से चार प्रमाण न दि द+ 317
16 प्रत्यक्ष थ ««**.... ,.. 318
17 मनुमान कि ही ते 326
१8 उपमान शोर शब्द है है “हि कं, के «««« 335
19 न्याय-वेश्षेपिक दर्शन में 'अमाव' का स्वरूप, « «««,.. ,.... 336
20 मोक्षाकाक्षियों के लिए तकें का महत्व, -,... ०९- ..- उ0
21 मात्मा का सिद्धान्त हु ;०*... , . 342
८22. ईश्वर और मोक्ष भू /+*+.. 343
, अध्याय-9
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मीर्मासा दर्शन
1 तुलनात्मक विवेचन सफर 346
2 मीमांसा साहित्य उन 348
3 न्याय का “परत प्रामाण्य' सिद्धान्त और मीमासा का स्स्श 350
“स्वत -प्रामाण्य' सिद्धान्त
4. प्रत्यक्ष (बोध) में ज्ञानिन्द्रियों का स्थान मी 353
5. निर्धिकल्प और सविकत्प प्रत्यक्ष _ स्न्म्य 355
6 प्रत्यक्ष (बोध) सिद्धान्त से सम्बद्ध कुछ दार्शनिक समस्याएं था 356
7 ज्ञान का स्वसूप कर 359
8. श्रान्ति का मनोविज्ञान बा 361
9 अनुमान श्म् 364
10 उपमान, मर्थापत्ति नस 367
11. शब्द-प्रमाण ससमभ 369
12 मनुपलब्धि प्रमाण सर 371
13. आत्मा, परमात्मा और मोक्ष नन् 373
14. मीमासा-द्शेन भौर कर्म-कांड «८८ की 376
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