भारतीय लोक - साहित्य | Bharatiya Lok - Sahitya

Bharatiya Lok - Sahitya by श्याम परमार - Shyam Parmar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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२० भारतीय लोक-साहित्य ७ है २. रीति-रिवाज-- सामाजिक तथा राजनीतिक संस्थाएँ व्यक्तिगत जीवन के श्रधिकार व्यवसाय घन्घे तथा उद्योग तिथियाँ त्रत तथा त्यौहार खेल-कूद तथा मनोरंजन | कहानियाँ गीत तथा कहावतें-- कहानियाँ (झा) जो सच्ची मानकर कही जाती (श्रा) जो मनोरंजन के लिए होती हैं गीत सभी प्रकार के कहावतें तथा पढेलियाँ पद्यवद्ध कहावतें तथा स्थानीय कहावतें । मोटे तौर पर फोकलोर (लोक-वार्ता) के विषयों का हम निम्न रूप में भी वर्गीकरण कर सकते हैं १. लोक-गीत लोक-कथाएँ कहावतें पहेलियाँ श्रादि | . रीति-रिवाज स्यौहार पूजा-श्रबुष्ठान ्रत ्ादि | जादू-टोना टोटके भूत-प्रेत-सम्बन्धी विश्वास ादि । ४- लोक-दृत्य तथा नाय्य तथा शंकिक अभिव्यक्ति | भू वालक-बालिकाशों के विभिन्‍न खेल ग्रामीण एवं श्रादिवासियों के खेल झ्रादि । इस प्रकार लोक-वार्ता का क्षेत्र बहुत व्यापक है श्र लोक-साहित्य उसका एक अंग है । जहाँ मानव के विभिन्न आत्ार-विचारों का स्पर्श लोक-साहित्य से होता है. वहाँ तक लोक-वार्ता के श्न्य विषय लोक-साहित्य के लिए. सहायक होते हैं | 2 ही श्र हद लोक-साहित्य लोक-साहित्य लॉक-वार्ता का एक महत्वपूर्ण भाग है रत मे दे । इसके श्न्तगंत स्त्रियों पुरुपों और बैचों का गद्य एवं पद्य-वाइ्सय ता है । निम्न रूप




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