बुद्ध - चरित | Buddh - Charit

Buddh - Charit by चन्द्रधर शर्मा - Chandradhar Sharmaरामचंद्र शुक्ल - Ramchandra Shukl

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चन्द्रधर शर्मा - Chandradhar Sharma

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रामचंद्र शुक्ल - Ramchandra Shukla

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ७. ) हैं। नीचे दिए हुए पद्यों में अलग श्रलग बालियाँ के नमूने चुनिए-- (१) काहे चलिय् हम्मीर बीर गझजुहद संजुत्ते । किस्नउ कट दाकंद मुच्छि मेच्छिअ के पुत्ते । (२९) चंचल जुव्वश जात श जाणह्ति छल समप्पदु कादे शाही ? ( ३) कासीसर राणा क्लिप्रउ पसाणा विजञांहर भण मंतिवरे । (४) ढोल्ला सारिस दिल्ि सह मुच्छिव मेच्छ सरीर। (४) हमिर बीर जब रण चलिशा । तुर्झर तुरभ्द्धि जुड्मिया । श्रप्प पर णह्ि बुज्किया | (६) विशास करू । गिरि दृत्थ घरू । (७) तुम्दाण अम्हाण । चंडेसा रवखे सा । गारी रक्खेा। (८) मवाणी हसंतो । दुरित्त हरंती । ( ) सा दर ताहर । संकट संहर । (१०) पसण्गा हाउ चंडिद्ा । (११) सरस्सइं पसण्ण हो । (१२) वित्तक पुरल मुंदहरा । बरिसा समझा सुक्स्रकरा | (१३) अहि ललइ महि चल सुझल जिवि उट्ए । (१४) राजा जहा लुद्ध । पंडीअ हो मुद्ध । (१५) जे जे सेता वण्णीश्रा तुस्हा कित्ती जिण्णीओ । निगतिगतगाएएए। नि पललमिन लयनिपिकिसपक व कलकए लर्े-नकापकपतरन नरगनदिल न का (५) सूच्छिंत होकर । (२) म्लेच्छा । (३) विद्याचर । (४. ढोल डंका (२) दिल्‍ली । (६) सूदुर्थों न मूच्छिंत हुआ। (७) सरस्वती । (म) सुंदहरा न्मुंडयूह ८ मुंडेरा । (£) पंडित ।




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