महादेव गोविन्द रानडे | Mahadev Govind Ranade
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
31.28 MB
कुल पष्ठ :
389
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
केदार नाथ भट्ट - Kedar Nath Bhatt
No Information available about केदार नाथ भट्ट - Kedar Nath Bhatt
जीवन शंकर याज्ञिक - Jeevan Shankar Yagyik
No Information available about जीवन शंकर याज्ञिक - Jeevan Shankar Yagyik
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)० महादव गाविस्द रानडे । इसके बाद हाइंकाट की एडवोकेट की परीक्षा के लिए तैयार हुए झोर उसका भी सच १८७१ इंसवी में उत्तम रीति से पास कर लिया । इससे यह स्पष्ट है कि रानडे का विद्यार्थी-जीवन बड़ा ही उज्ज्जल और यशस्वी रहा । उन्होंने सब परीक्षाये सिवाय आाट स के झ्रानस की पहले वग में ही पास की श्र वह भी सब बड़ी कुशलता से । बी० ए० एम० ए० एलएल ० बी० की परीक्षा पास करने वाले यह बम्बई यूनीवसिंटी में पहले ही सल्नन थे इतना ही नहीं बल्कि श्रौर ्रेजुएटों में जिन्होंने सब परीक्षाये बड़ी योग्यता से पास की हैं और कभी फेल नहीं हुए उनमें भी रानडे एक बिसले ही थे । बो० ए० की ँगरेज़ी साहिय और इतिहास की परीक्षा के परवों में उन्होंने ऐसी असाधारण विद्वत्ता ओर गवेषणा दिखलाई थी कि उनके एक परीक्षक मि० ईं० आई० हावडे साहब जा डाइरेकर आफृ पबलिक इन्स्ट्रकशन्स थे उनके उत्तर-पत्रों को अपने साथ विलायत ले गये थे कि वहाँ लोगों को बतलावे कि एक हिन्दू विद्यार्थी कसी डँची विद्या प्राप्त कर सकता है । ऐसा भी एक दो जगह पढ़ने में आया है कि एलफिन्स्टन कालेज के प्रिंसिपल सर एलेकजेन्डर आन्ट थी रानडे के उत्तर-पत्रों को अपने साथ विलायत ले गये थे । विद्याभ्यास में ऐसी श्रसाघारण सफलता बिना घोर परिश्रम के असम्भव है । दक्षिणा फ्लो की हैसियत से बी० ए० . (झानस) श्ौर एलएल बो० के लिए जो पुस्तकें उन्होंने पढ़ीं
User Reviews
No Reviews | Add Yours...