हिन्दी - शेक्सपियर भाग - ५ | Hindi Shekspear Part - V

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Hindi Shekspear Part - V by गंगाप्रसाद - Gangaprasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ९ ) पुदष खियेां के सुधारने चाले नहीं दे विन्तु ख्ियाँ पुरुषां का ने केघल सदाचारी दी बनाती है किन्तु कष्ट के समय में उनके शान्ति देती दें। इसीलिए मनुजी मदाराज ने कहा था । यन्न नायेस्तु पूज्यन्ते रमन्से तघ्न देघता। । इति । किए निममगुजदाबतप जि पपनलनन




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