भट्टिकाव्य | Bhattikavya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कहो स्छोकाइाः २५९ रद्द ६९ छडट गन २३ नूर पुर ० . ८ हे 5 के ट््ड कि भ्ड पर शक स्लप पूछ 9 ८ प्र १०१४ प्‌ पर १०५३ १३१६ २६५९ ८ कक. पर ० ४६७ १६९५ ्छि पथ डेप ई्देप श्डोकाः कुसुदवन०..... . कुम्भकर्णसतों . ... कम्भकर्णसुनी . ... कुम्भकर्णे हतें .. ... कुम्मकर्णी रणे.. .... कुर बुद्धि... ... कुर्या यो गिनम्‌ कु्यासथा येन ं कुंवन्ति परिसारिण्य कुवेम्तो दक्सू . ... कुछभायोंमू भय करत सर्प यथो दिप्टमू कृताभिषेको० . .. कतें कानिष्चिनेयस्य कुते नोपकृतम . कृतेष्ठ पिण्ठोदक ०... कृते सौ भागिनेयस्य कुतेरापि दृढ० . .. कुत्वा कर्म... . | कृत्वा लक्ा० .. .. कृत्वा चालिन ... ... कशाजुव्सण्यधि + .. . कृषीदूं भू ० ८८. केचित्संचुकुटु . ... केचिद्रेपशुमू .. .. केचिब्िनिस्डु _ ... केन संभावितमू ... केंन संविद्रते नाइस्यः केन संविद्रते दायोर्‌ केनापि दौष्कुछेयेन केशानछश्िषुः . ... कोस्या कोय्या पुर० कॉइन्यो5कर्स्पेदिड कोपात्काथ्ियू हक के सछोंकाड़ा ८3 पू२० २ प्र डे डे १३२९२ १५९ बच ५९ बे पे उचदण पद १प कप कि पे ४ मु पड कक १७३ थ१०९ ६५ २०५ छपर ९१४ क पु के पपि७ड्ू पद र १३१९ पूछ पर २ पतिटड पे ०९१७ चुद प्ुछण




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