भोजपुरी और उसका साहित्य | Bhojpuri Ayur Usaka Sahataya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8.79 MB
कुल पष्ठ :
149
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
कृष्णदेव उपाध्याय - Krishndev upadhyay
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क्षेमचंद्र 'सुमन'- Kshemchandra 'Suman'
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)८ भोजपुरी श्रौर उसका साहित्य दहानली के इस अ्न्थ कम्पेरेंटिव ग्रामर झॉफ दि गौडियन लैंग्वेजेज का महत्त्व बहुत श्रधिक है क्योकि यह ऐतिहासिक तथा तुलनात्मक दोनों शेलियो को दृष्टि मे रखकर लिखा गया है । सुप्रसिद्ध भाषा-शास्त्री डॉ० सर जाज ग्रियसन ने भोजपुरी भाषा और साहित्य के सम्बन्ध में बडा ही शोधपूण कार्य किया है । भोजपुरी साहित्य-सम्बन्धी इनके कार्यो का उल्लेख यथास्थान किया जायगा । इस विद्वान् ने मोजपुरी-माषा के सम्बन्ध में भी प्रशसनीय कार्य किया है। इन्होंने लिग्विस्टिक सर्वे श्ॉफ़ इण्डिया नामक विशालकाय थ का सम्पादन किया है जो कई भागों में प्रकाशित हु्रा है। इसमें भारतवष की सभी भाषाश् तथा उनकी विभिन्न बोलियो का साड़ोपाड़ विवेचन है। इसी अन्थ के भाग ५ खण्ड २ में इन्होने भोजपुरी भाषा- सम्बन्धी प्रचुर सामग्री उपस्थित की है । इस ग्रन्थ में भोजपुरी नामकरण का कारण च्षेत्र-विस्तार भाषाभापियों की सख्या तथा इसकी विभिन्न बोलियों श्रौर उनके व्याकरण झादि विषयों का विवेचन बडी प्रामाणिक रीति से किया गया है। साथ ही इस भाषा की विभिन्न बोलियो के उदाहरण उनकी विशेषताओं को स्पष्ट करते हुए दिये गए हैं । इस प्रकार इस ग्रन्थ में भोजपुरी भाषा-सम्बन्धी बहुत-सी सामग्री उपलब्ध है । डॉ० ग्रियसन की दूसरी पुस्तक है सेबेंन ग्रामस ऑफ़ दि डाइलेक्टस एण्ड सब-डायलेक्ट्स श्रॉफ दि बिहारी लैग्वेज । इस श्रन्थ में भोजपुरी भाषा का व्याकरण विस्तृत रूप से दिया गया है । इन्होंने श्रपने बह पीज़ेणट लाइफ नामक तीसरे ग्रन्थ में विभिन्न ग्रामीण वस्तु के नाम के रूप मे हज्ञारो भोजपुरी शब्दों का सग्रह किया है । फौलेन की न्यू हिन्दुस्तानी-इड्डलिश डिक्शनरी ( जो सन् १८७६ ई० में प्रकाशित हुई थी ) मे भोजपुरी के शब्दों खेती के गीतों मुद्दावरों श्र कहाबतों का अच्छा संग्रह उपलब्ध होता है । परन्तु इन विद्वानों का कार्य प्रशसनीय होने पर भी सवाज्ञीण नहीं है । . है. भारत सरकार द्वारा प्रकाशित ।
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