जयशंकर प्रसाद के नाटकों में इतिहास और संस्कृति | Jaishankar Prasad Ke Natakon Men Itihas Aur Sanskrit

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Jaishankar Prasad Ke Natakon Men Itihas Aur Sanskrit by उमेश चन्द्र मिश्र - Umesh Chandra Misr

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about उमेश चन्द्र मिश्र - Umesh Chandra Mishr

Add Infomation AboutUmesh Chandra Mishr

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
प्रथम अध्याय द्वितीय अध्याय तृतीय अध्याय अन्तर्वस्तु कथ्य पृष्ठ ऐतिहासिक नाटकों में इतिहास और उसमें सस्कृति का सश्लेषण 1 ऐतिहासिक नाटकों म॑ इतिहास की सीमा- सस्कृति की व्युत्पत्यात्टक अवधारणा और अर्थ- पाश्चात्य एव पौर्वात्य धारणा एवं आस्था सस्कृति एवं सरकार सस्कृति ओर सभ्यता सस्कृति के आयाम आर भारत - भारतीय सस्कृति का स्वरूप एवं विकास - भारतीय सस्कृति में वर्ण-व्यवस्था और जाति प्रचलन - विवाह-व्यवस्था नारी की स्थिति - ब्राह्मण का स्थान प्रसाद के नाटकों का वर्गीकरण और उनके कथानक 35 नाटकों क कथानक राज्यश्री अजातशत्रु स्फन्दगुप्त चन्द्रगुप्त घ्रुवस्वामिनी विशाख जनमजय का नागयन्न - प्रसाद के नाटकों का ऐतिहासिक आधार 81 इतपि््स एवं साहित्यिक नाटक




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now