बहादुरशाह का मुकदमा | Bahadurshah Ka Mukadama

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ख्वाजा हसन निजामी साहब - Khwaja Hasan Nizami Sahab

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वैद्य श्री गोपीनाथ - Vaidya Shri Gopinath

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पहले दिन की कार्यवाही वृष इसके उपरान्त वकील के बहुत से मनोरध्ञषक कारज-पत्र जिनमे बहुत से देश के विभिन्न रईसों और सैनिक अफ्सरों की शोर से बाद- शाह बददादुरशाह के नाम और वहुत से बादशाह की ओर से उनकी मोहर अथवा दस्तख़ती रिझाया और सैचिकों के नाम लिखे गये बताये गये हैं और जिन्हें मैंने पुस्तक का रूप झधिक बढ़ जाने के भय से अलग छुपवाया है पेश किये-- -स़वाजा हसन निजामी पहिले गवाह एद्सन उल्ला खाँ जो कि भूतपूव बादशाह के राज्य-हकीम थे गवाही के लिए बुलाएं गए । उन्होने बयान दिया । सरकारी वकील के प्रश्न करने पर गवाह ने सिसिल में नत्थी किये गये काराज़ों मे २ ३ ४ १ ३ १७४ २० ९१ ९२ २४ र७ ३० ३३ ३९ ४० ४१ ४२. ४४ ४८ १० ५२ ५३ १९ और ५४ नस्वरों के काराज़ों पर हुक्स स्वयमू झभियुक्त के हाथ के लिखे हुए बताये । ये सब नम्बर उन्हीं पत्रों के है जो इस सुकदसे की गवाही में उपस्थित किये गये । मैंने इनको अलग पुस्तकाकार छुपवाया है--- हसन निज्ञामी नम्बर २६ १५ १८ २५ २६ ३१ ३२ ३५ ३६ ४५ को देखकर गवाह ने बताया कि वह अभियुक्त के दस्तख़तो को पहिचानता है ब्यौर इन पर किये हुए दस्तखत छाभियुक्त के ही हैं । नम्बर ५ १६ २९ ३४ ३८ के काराज़ों के दिखाये जाने पर गवाहद ने बताया कि ये बादशाह के आराइवेट सेक्रेटरी मुझन्दलाल




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